भोपाल। बिजली कंपनियों ने बिजली वितरण के साथ राजस्व वसूली को बेहतर बनाने के लिए इसकी खामियों को दूर करने पर जोर दिया है। मंथन 2022 में कंपनियों ने वास्तविक बिजली रीडिंग के लिए क्यूआर कोड प्रणाली को लागू कर रही है। इसका प्रयोग प्रदेश की तीनों वितरण कंपनी में हो रहा है। जल्द सभी घरेलू और गैर घरेलू उपभोक्ताओं के घर में लगे मीटर में क्यूआर कोड चस्पा किया जाएगा। सभी वितरण कंपनी के प्रबंध संचालकों ने इस संबंध में मंथन में जानकारी दी। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक अमित तोमर ने बताया कि 47 पैसे क्यूआर कोड की लागत आती है। इसे लगाने से मीटर रीडर को उपभोक्ता के परिसर में जाना अनिवार्य होता है क्योंकि बिना कोड स्केन किए उपभोक्ता की जानकारी मोबाइल एप्लीकेशन में नहीं खुलेगी। इससे जहां सटीक बिजली की रीडिंग होती है। कंपनी क्षेत्र में कुछ जगह यह प्रयोग किया जा रहा है। इधर मध्य क्षेत्र वितरण कंपनी के गणेश शंकर मिश्रा ने भी क्यूआर कोड के जरिए रीडिंग को प्रजेंटेशन में बताया। इधर पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक अनय द्विवेदी ने कहा कि यह व्यवस्था वास्तवित खपत के आधार पर उपभोक्ता की बिजली बिल जारी करने में मददगार साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि कृषि और गैर कृषि उपभोक्ता पर यह प्रयोग किया गया है।
कैसे करेगा काम
बिजली कंपनियां हर उपभोक्ता के मीटर में क्यूआर कोड चस्पा करेंगी। जब मीटर रीडर जाएगा तो एप पर कोड स्कैन करने पर ही उपभोक्ता की जानकारी खुलेगी। यदि घर का लोड अधिक है तो उसे जरूरत के हिसाब से बढ़ाया जाएगा। बिना कोड स्कैन किए उपभोक्ता का ब्योरा ही नहीं खुलेगा जिस वजह से रीडिंग नहीं हो पाएगी। अभी उपभोक्ता के घर फोटो रीडिंग होती थी जिसमें रीडर गलत फोटो खींचकर एक ही रीडिंग कई उपभोक्ता के घर की दर्ज कर देते थे। जिस वजह से उपभोक्ता मनमाने बिजली बिल को लेकर शिकायत करता था। वहीं कई जगह रीडर सब्सिडी के लिए 100 यूनिट के भीतर रीडिंग दर्ज करते हैं जबकि मीटर में असल रीडिंग इससे ज्यादा होती है। ऐसी खामियों को खत्म करने के लिए यह व्यवस्था लागू की जा रही है। कंपनी प्रबंधन अगले तीन माह में इसे हर उपभोक्ता के मीटर में क्यूआर कोड लागू कर देगा। इसमें 10 किलोवाट भार वाले और एचटी उपभोक्ता को बाहर रखा गया है।
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