गर्भवती (pregnancy) महिलाओं के शरीर में बहुत सारे बदलाव आते हैं जिसके चलते तनाव (stress) हो जाना आम बात है। वर्किंग वुमन ये तनाव (stress) ज़्यादा झेलती हैं। इसके अलावा, कई महिलाओं को लेबर पेन और डिलीवरी से जुड़ी अन्य बातों को सोचकर भी तनाव (stress) हो जाता है।
गर्भवती महिलाओं (Pregnant women) के शरीर में बहुत सारे बदलाव आते हैं जिसके चलते तनाव (stress) हो जाना आम बात है। वर्किंग वुमन ये तनाव (stress) ज़्यादा झेलती हैं। इसके अलावा, कई महिलाओं को लेबर पेन और डिलीवरी से जुड़ी अन्य बातों को सोचकर भी तनाव (stress) हो जाता है।
जबकि कोई और समस्या हो या न हो, ये तनाव (stress) ज़रूर ऐसे में अपने आप में एक बड़ी समस्या है। इससे आपके अपने और बच्चे के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। इसलिए ये ज़रूरी है कि आपको इस बात की जानकारी हो कि ऐसे में होने वाले तनाव (stress) को कैसे नियंत्रित करना है।
प्रेगनेंसी में होने वाले तनाव (stress) से बचने का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है मेडिटेशन। घर का एक शांत कोना चुनें और 10 मिनट निकालकर मेडिटेशन करें। ऐसा रोज़ करें, ताकि आप अपना तनाव धीरे-धीरे कम करती जाएं।
कई अध्ययनों में भी ये बातें सामने आई हैं कि जो महिलाएं गर्भावस्था में उचित देखभाल के साथ-साथ माइंड-बॉडी थैरेपी जैसे योग व मेडिटेशन करती हैं, उन्हें लेबर कम देर का होता है, डिलिवरी के दौरान कम दवाओं की ज़रूरत पढ़ती है और वो जल्दी रिकवर कर जाती हैं।
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