जयपुर (Jaipur) । राजस्थान (Rajasthan) के पाली जिले में महिला (woman) की हत्या (murder) कर मुंह का मांस नोंच-नोंचकर खाने का मामला सामने आया था. घटना को अंजाम 26 मई को दिया गया. आरोपी युवक की भी इलाज के दौरान मौत हो गई है, जो हाइड्रोफोबिया (hydrophobia) नामक बीमारी से ग्रसित था. उसमें साइकोसिस (sycosis) के लक्षण भी पाए गए हैं. यह ऐसी बीमारी है जिसमें शख्स हिंसक हो जाता था. आरोपी की हत्या के बाद से लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कोई व्यक्ति ऐसा कैसे बन सकता है और कैसे किसी मनुष्य का ही मांस खा सकता है?
इसको लेकर पाली मेडिकल कॉलेज के सह-प्राचार्य डॉ प्रवीण गर्ग ने बताया कि बुजुर्ग महिला का मांस खाने वाला आरोपी हाइड्रोफोबिया से पीड़ित था. अब सवाल उठता है कि आखिर ये हाइड्रोफोबिया क्या है? तो इसके बारे में डॉ प्रवीण गर्ग ने बताया कि ये एक बीमारी है, जो हाइड्रोफोबिया रेबीज ग्रस्त कुत्ते के काटने से होती है. ये बीमारी मरीज में 7 से 10 दिनों में डेवलप होती है.
आखिर कैसे होता है हाइड्रोफोबिया?
डॉक्टर ने बताया कि इसमें मरीज हवा, पानी और प्रकाश से डरता है. इस मरीज पर परीक्षण किया गया तो पहले इसे पानी पिलाया गया, लेकिन ये बार-बार पानी फेंक रहा था और लाइट से डर रहा था. इसी को हाइड्रोफोबिया कहते हैं. हाइड्रोफोबिया पागल कुत्ते के काटने से होती है.
हाइड्रोफोबिया के लक्षण क्या हैं और इंसान ठीक हो सकता है?
डॉक्टर के मुताबिक हाइड्रोफोबिया के मुख्य लक्षण यही हैं कि मरीज हवा,पानी और रोशनी से डरता है. ये एक लाइलाज बीमारी है. अगर किसी व्यक्ति को हाइड्रोफोबिया हो जाए तो उसकी मृत्यु 10 से 11 दिनों में होनी निश्चित है. इसमें पूरा दिमाग डैमेज हो जाता है. लेकिन ऐसे कई मरीज होते हैं, जो डम रेबीज हाइड्रोफोबिया से ग्रसित होकर शांत रहते हैं.
उन्होंने बताया कि ये पहली बार हुआ कि हाइड्रोफोबिया मरीज ने किसी को मार दिया. इसको फुयरस रेबीज कहते हैं. इसमें मरीज शांत नहीं रहता है. ये किसी पर भी हमला कर देता है, काट सकता है और नोचता है. इस केस को हाइड्रोफोबिया फुयरस रेबीज कहते हैं. यदि कुत्ते के शिशु (बच्चे) ने काटा हो और वायरस बहुत कम मात्रा में हो तो उस अवस्था में वायरस मनुष्य के शरीर में रहते हैं और जीवन में कभी भी 3 महीने या साल 6 या 10 साल में कभी भी वापस एक्टिव होकर हाइड्रोफोबिया के रूप में आ सकते हैं.
इसके घटना के कितने मामले सामने आए हैं?
डॉक्टर ने बताया कि हाइड्रोफोबिया फुयरस रेबीज केस दुनिया में अभी तक 2 ही रिपोर्टेड हैं. लेकिन किसी मरीज ने किसी की हत्या के दी हो, ये दुनिया में पहला केस बताया जा रहा है. ये बहुत ही अलग मामला है.
क्या है पूरा मामला?
26 मई को मृतक महिला शांति देवी पत्नी नाना काठात सेंदड़ा थाना क्षेत्र के सरधना के जंगल में बकरियां चराने गई थी. वह खेत से हरी सब्जी लेकर वह घर लौट रही थी. इस दौरान जंगल में एक युवक ने उस पर बड़े पत्थर से हमला कर सिर फोड़ दिया. पत्थर के कई वार से महिला की मौके पर ही मौत हो गई थी. उसके बाद युवक ने मृतका के चेहरे का मांस नोंच कर खा लिया. उसके चेहरे पर महिला का खून लगा हुआ था. आधार कार्ड के जरिए आरोपी की पहचान मुंबई के रहने वाले 24 साल के सुरेंद्र के रूप में हुई है. पुलिस ने गिरफ्तार कर आरोपी की हालत देख इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां उसकी भी मौत हो गई. इसके बाद जांच में उसकी बीमारी का खुलासा हुआ था.
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