नई दिल्ली। बच्चों को सही और गलत की समझ नहीं होती है। ऐसे में पेरेंट्स का फर्ज होता है कि उन्हें सही और गलत की पहचान करवाएं। पेरेंट्स ही बच्चों को सिखाते हैं कि क्या उनके लिए ठीक है और क्या नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि इन सब के बावजूद बच्चों को झूठ बोलने की आदत पड़ जाती है।
ऐसा अक्सर बचपन में होना शुरू होता है। ज्यादातर बच्चे मजाक करना सीख जाते हैं और ऐसे में धीरे-धीरे वह झूठ बोलना भी सीख जाते हैं। बच्चों की इस आदत को रोकने के लिए पेरेंट्स उन्हें डांटने लगते हैं। लेकिन यह सही तरीका नहीं है। बच्चे की झूठ बोलने की आदत को सुधारने के लिए आप इन तरीको को अपना सकते हैं।
बच्चों को झूठ बोलने से कैसे रोकें
1. रोल मॉडल बनें- बच्चे अपने पेरेंट्स से ही सब कुछ सीखते हैं। ऐसे में आप उनके रोल मॉडल होते हैं। बच्चों में झूठ बोलने की आदत न हो इसके लिए आपको भी इस बात को ध्यान रखना चाहिए कि आप उनके सामने झूठ न बोलें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप ही बच्चे के झूठ बोलने के जिम्मेदारद हैं।
2. सजा देना सही नहीं- बच्चे जब झूठ बोलने लगते हैं तो पेरेंट्स उन्हें सजा देने लगते हैं। उन्हें समय दें कि वह अपनी गलती को अपनाएं। कोशिश करें कि जब वो ऐसा न करें तो आप उन्हें समझाएं। जब बिल्कुल बच्चा न समझे तब उसे हल्की सज दे सकते हैं, लेकिन पहले उसे समय दें।
3. सच्चाई की कद्र करें- जब आपका बच्चा आखिरकार आपको सच बताने का साहस जुटाता है, तो सुनिश्चित करें कि आप उसे स्वीकार करें और उसे बिना जज किए उसकी बात सुनकर उसकी सराहना करते हैं। हालांकि इस बात को भी साथ में समझाएं की उसे ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए।
4. एक साथ समस्या का समाधान करें- एक बार जब आपके बच्चे ने कबूल कर लिया है, तो उनके साथ बैठें और फिर उपाय निकालें। यह उन्हें विश्वास दिलाता है कि वे न केवल आप पर विश्वास कर सकते हैं, बल्कि आप वास्तव में उन्हें इससे उबरने में भी मदद करेंगे।
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