नई दिल्ली। एलोपैथी पर योग गुरु रामदेव (Yoga Guru Ramdev) की टिप्पणियों से नाराज रेजिटेंड डॉक्टरों के एसोसिएशनों ने शनिवार को कहा कि वे एक जून को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे और इसे काले दिवस के रूप में मनाएंगे। परिसंघ ने बयान जारी कर रामदेव से ‘सार्वजनिक रूप से बिना शर्त माफी मांगने’ को कहा।
कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज में इस्तेमाल की जा रहीं कुछ दवाओं पर रामदेव द्वारा सवाल उठाने जाने पर विवाद खड़ा हो गया था। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में बाबा रामदेव कथित तौर पर एलोपैथी को ‘एक स्टूपिड’ और ‘दिवालिया साइंस’ बताते नजर आते हैं। वीडियो में रामदेव को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि ‘कोविड-19 के लिए एलोपैथिक दवाएं लेने से लाखों लोग मर गए।’ उन्हें कोरोना वायरस के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही कुछ दवाओं पर सवाल उठाते हुए भी सुना जा सकता है।
रामदेव की इन टिप्पणियों का कड़ा विरोध हुआ, जिसके बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने उनसे ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ बयान वापस लेने को कहा। रामदेव ने रविवार (23 मई) को मजबूर होकर अपना बयान वापस ले लिया। अगले दिन उन्होंने भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) को खुला पत्र लिखकर 25 सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि क्या एलोपैथी से बीमारियों से स्थायी रूप से छुटकारा मिल जाता है।
पश्चिम बंगाल में रामदेव के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज
भारतीय चिकित्सा संघ की बंगाल इकाई ने योग गुरु रामदेव के खिलाफ उनकी इस कथित टिप्पणी के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि डॉक्टरों सहित कई कोविड-19 रोगियों की मौत हो गई क्योंकि आधुनिक दवाएं बीमारी का इलाज नहीं कर सकती हैं। संगठन ने कोलकाता के सिंथी थाने में शुक्रवार (28 मई) को शिकायत दर्ज कराई है जिसमें रामदेव पर महामारी के दौरान ‘भ्रामक और झूठी जानकारी’ देने के साथ जनता के बीच भ्रम पैदा करने का आरोप लगाया गया है।
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