नई दिल्ली (New Delhi) । कैंसर (Cancer) अनियंत्रित कोशिकाओं की ग्रोथ होती हैं. जहां जहां मसल्स होती हैं. यह उस जगह कहीं भी डेवलप हो सकता है. कैंसर के जानलेवा होने के पीछे प्रमुख वजह ये है कि इसके लक्षणों की जानकारी नहीं हो पाती है. जब तक लक्षणों (Symptoms:) की जानकारी होती है, तबतक काफी देर हो चुकी होती है. कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति कैंसर के लक्षणों को कुछ और बीमारी समझ लेता. फिर इलाज नहीं कराता है. ऐसा ही एक हैरतअंगेज मामला देखने को मिला है. जहां महिला कैंसर (female cancer) को कुछ और ही समझ रही थी.
कैंसर को महिला डॉक्टर ने प्रेग्नेंसी समझा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डा. लॉरेन जुइया खुद में हुए कैंसर का ही पता नहीं लगा पा रही थीं. अमेरिका (America) के फ्लोरिडा में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ लॉरेन को पेट में दर्द और थकान महसूस होने लगी. बाद में पता चला कि उन्हें कोलन कैंसर है. यह कैंसर आमतौर पर देखने को मिल रहा है. हैरत इस बात पर है कि डॉक्टर इसे 16 सप्ताह की प्रेग्नेंसी समझ रही थीं.
ये लक्षण दिख रहे थे
डॉक्टर ने बताया कि उन्हें थोड़ी थकान थी. इससे पहले लगभग दो महीने तक दोपहर में थोड़ा थका हुआ महसूस कर रही थीं. मां के रूप में दो बच्चों की देखभाल करना और उन्हें समय देने में थकान महसूस हो जाती थी. लगता था, जैसे ये सामान्य थकान ही है. कोलन कैंसर के लक्षणों की बात करें तो पेट में दर्द, अचानक वजन कम होना, मल त्याग में बदलाव, शौच में ब्लड आना, लूज मोशन और कब्ज (loose motion and constipation) होना शामिल है.
यूथ लक्षणों को कम महसूस करते हैं
डॉ लॉरेन का कहना है कि लक्षणों की जानकारी जल्द न होने का कारण हो सकता है कि यूथ होने की वजह से शरीर पर अधिक असर नहीं दिख रहा है. वृद्ध लोगों की तरह वो अधिक गंभीर लक्षण (severe symptoms) नहीं दिखाते हैं. लेकिन कैंसर से बचाव के लिए सावधानी रहना चाहिए.
2020 में सामने आए 20 लाख मामले
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में कोलन कैंसर के 2 मिलियन मामले सामने आए. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोलोरेक्टल कैंसर कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा सबसे आम कारण है. इससे हर साल दुनिया में लगभग 1 मिलियन लोगों की मौत होती है. कोलन कैंसर कोलन के अंदर छोटे सौम्य पॉलीप्स के रूप में शुरू होता है. इलाज न मिलने पर ये पॉलीप्स कैंसर कोशिकाओं में बदल जाते हैं. इसलिए पॉलीप्स हटाने के लिए समय पर इलाज जरूरी होता है.
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