भोपाल: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College, Kolkata) में हुई घटना के बाद से देशभर के डॉक्टर्स सुरक्षा को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. अलग-अलग राज्यों में सरकारों ने डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कई अहम फैसले भी लिए हैं. मध्य प्रदेश में भी सरकार (Government in Madhya Pradesh) ने डॉक्टरों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए निर्णय लिए हैं. वहीं डॉक्टरों ने मोहन सरकार से नई मांग की है. प्रदेश में CISF की तर्ज पर बने MP हॉस्पिटल सिक्योरिटी फोर्स बनाने की मांग की है. जिसको लेकर सरकार की तरफ से भी विचार करने की बात कही गई है.
दरअसल, मध्य प्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने मोहन सरकार को पत्र लिखा है, जिसमें मांग की गई है कि डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर CISF (सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स) की तरह मध्य प्रदेश हॉस्पिटल सिक्योरिटी फोर्स बनाई जाए. ताकि अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. क्योंकि कोलकाता की घटना ने पूरे देश में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर अब गंभीरता से सोचने पर मजबूर किया है. क्योंकि डॉक्टर मरीजों की जान बचाने के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा देते हैं, लेकिन उनके साथ ऐसा होता है. इसलिए मोहन सरकार से मांग करता हूं कि प्रदेश में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
एमपी मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन की मांग है कि अस्पतालों में सुरक्षा एजेंसियों के कर्मचारी विवादों के दौरान मामले सुलझाने में सक्षम नहीं होते हैं. इसलिए इस मामले में ध्यान दिया जाए और हॉस्पिटल सिक्योरिटी फोर्स का गठन किया जाए, ताकि डॉक्टरों को अस्पतालों में किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े.
मामले में मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने विचार करने बात कही है. प्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल का कहना है कि डॉक्टरों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है. इसलिए सरकार डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ को लेकर सजग भी है. अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई भी गई है. उन्होंने कहा कि एमपी मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन की तरफ से सिक्योरिटी फोर्स गठन की जो मांग आई है, उस पर विचार किया जाएगा. क्योंकि विचार अच्छा है.
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