दिल्ली| दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना जांच (COVID-19 Testing) को लेकर एक अहम निर्देश दिया है. दिल्ली हाई कोर्ट (delhi high court) का कहना है कि कोविड-19 परीक्षण चाहने वाले लोगों को अब डॉक्टर के पर्चे की जरूरत नहीं होगी.कोर्ट ने कहा कि उन्हें भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) का एक फॉर्म को भरना होगा.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि अब कोई भी कोविड-19 का टेस्ट करा सकता है और इसके लिए डॉक्टर का पर्चा जरूरी नहीं है. अब लोग बिना डॉक्टर के पर्चे के स्वेच्छा से भी कोविड-19 की आरटी-पीसीआर जांच करा सकते हैं.
प्राइवेट लैब प्रतिदिन 2000 लोगों की करे जांच
दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रह्मणयम प्रसाद की पीठ ने कहा कि लोगों को दिल्ली में कोविड-19 जांच के लिए निवास प्रमाणपत्र के तौर पर आधारकार्ड ले जाना चाहिए और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा निर्धारित फॉर्म भरना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि प्राइवेट लैब प्रतिदिन ऐसे 2000 लोगों की कोविड-19 जांच करें जो स्वेच्छा से जांच कराना चाहते हैं.
पहले जांच के लिए क्या था जरूरी
कोरोना की जांच ज्यादातर सरकारी लैब के अलावा कुछ प्राइवेट लैब भी कर रही हैं. पहले लोग सीधे प्राइवेट लैब में जाकर टेस्ट नहीं करा सकते थे, जिसके लिए किसी डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन की ज़रूरत होती थी. इसके आधार पर आप प्राइवेट लैब से टेस्ट करा सकते थे. प्राइवेट लैब में टेस्ट कराने के लिए 4500 रुपये तक देने होते हैं. हाईकोर्ट के आदेश से पहले अभी तक डॉक्टर की लिखित सलाह यानी प्रेस्क्रिप्शन देखने के बाद ही टेस्ट किए जा रहे हैं.
केंद्र सरकार पहले ही जारी कर चुकी दिशा-निर्देश
बता दें कि इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना जांच के लिए डॉक्टर का पर्चा अनिवार्य था. उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय पहले ही ऐसी दिशा-निर्देश जारी कर चुका है कि जिसमें कहा गया था कि कोरोना जांच के लिए डॉक्टर का पर्चा अनिवार्य नहीं होगा.
जिसके बाद अब दिल्ली हाई कोर्ट ने भी इसे अनिवार्य कर दिया है. अब दिल्ली में कोई भी लैब कोरोना की जांच के लिए डॉक्टर का पर्चा अनिवार्य तौर पर नहीं मांग सकती है. साथ ही जांच के लिए दिल्ली के पते वाले आधार कार्ड की भी जरूरत नहीं होगी.
बता दें कि दिल्ली में सोमवार को कोरोना के कुल 2077 नए केस सामने आए हैं. वहीं 2411 लोग इस महामारी से रिकवर हुए हैं, जबकि 32 लोगों की मौत हुई हैं. राज्य में अभी तक कुल 1,93,526 मामले आए हैं, जिनमें से 1,68,384 लोग ठीक हो चुके हैं.
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