नशे के खिलाफ ऐप के जरिए नारकोटिक्स विंग बना रही नारकोटिक्स वॉलिंटियर
इन्दौर। युवाओं को नशे से बचाने के लिए नारकोटिक्स विंग ने एक ऐप बनाया है। इसके जरिए वह नारकोटिक्स वॉलिंटियर बना रही है। अब तक प्रदेश में इससे 1700 लोग जुड़ चुके हैं, जिनमें इंदौर के 117 लोग हैं। ये जहां नशे के खिलाफ पुलिस को सूचनाएं दे रहे हैं, वहीं नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान में नारकोटिक्स पुलिस का सहयोग भी कर रहे हैं।
बल की कमी दूर करने के लिए जहां पुलिस कुछ सालों से नगर सुरक्षा समिति के सदस्य बनाकर उनका कानून व्यवस्था में सहयोग ले रही है, वहीं यातायात पुलिस यातायात मित्र बना रही है, जो चौराहों पर यातायात नियंत्रण में सहयोग कर रहे हैं। इसी तरह नारकोटिक्स विंग भी अब नारकोटिक्स वॉलिंटियर बना रही है। लोगों को जोडऩे के लिए एडीजी एसडब्ल्यू नकवी ने एक ऐप तैयार करवाया है। इसके जरिए लोगों को जोड़ा जा रहा है। डीएसपी संतोष हाडा और एसआई अजय शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश में इस ऐप के जरिए अब तक 1700 लोग जुड़े हैं, जिनमें इंदौर के 117 लोग हैं। इनमें डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, व्यापारी, आरटीओ एजेंट सहित समाज के सभी वर्गों के लोग हैं। उन्होने बताया कि पुलिस का मकसद है कि एक तो ये लोग पुलिस की नशे के खिलाफ जागरूकता में मदद करें और दूसरा इनके माध्यम से पुलिस को नशा बेचने वालों की सूचनाएं भी मिल रही हैं। पुलिस ने हाल ही में इनसे मिली सूचना पर दो स्थानों पर छापे मारकर नशे के सौदागरों को पकड़ा है। पुलिस इसके अलावा अब स्कूल-कॉलेजों में युवाओं को नशे से दूर रहने और उससे होने वाले परिणामों के बारे में जानकारी दे रही है, ताकि वे नशे से बच सकें। यही नहीं, जो लोग नशे के आदी हैं उनको भी परामर्श देकर नशामुक्ति केंद्र में भर्ती करवाया जा रहा है।
इंदौर बन गया नशे का बड़ा अड्डा
कुछ सालों में पुलिस और अन्य एजेंसियों ने इंदौर में नशे के कई बड़े सौदागरों को पकड़ा है। क्राइम ब्रांच ने एमडी ड्रग्स के एक बड़े रैकेट के 36 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा डीआरआई, नारकोटिक्स कई बार इंदौर में ओडिशा से कंटेनर में आ रही गांजे की बड़ी खेप पकड़ चुकी है। क्राइम ब्रांच की टीम आए दिन ब्राउन शुगर, चरस, गांजा पकड़ रही है। यह बताता है कि इंदौर भी नशे का बड़ा अड्डा बन गया है।
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