कोलकाता। पश्चिम बंगाल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में टीएमसी सरकार और पश्चिम बंगाल पुलिस कठघरे में है। घटना के बाद पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। इन सबके बीच, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। दरअसल, तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेता द्वारा छह सितंबर को सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट करने पर डॉक्टरों ने नाराजगी जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर असत्य और भड़काऊ बयान के लिए बिना शर्त माफी मांगने की मांग की है।
पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के संयुक्त मंच के संयुक्त संयोजक डॉ. पुण्यब्रत गुण और डॉ. हीरालाल कोनार ने सीएम ममता बनर्जी के भतीजे को पत्र लिखकर अपना विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि हम आपके द्वारा इस साल छह सितंबर को रात 10 बजकर 27 मिनट पर सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किए गए झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयान के बारे में विरोध जताने और गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए पत्र लिख रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘आपने (अभिषेक बनर्जी) अपनी पोस्ट में लिखा है कि कोन्नगर के एक युवा लड़के की आज सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई, तीन घंटे तक खून बहने के बाद भी उसे चिकित्सकीय सहायता नहीं मिली, यह आरजी कर घटना के विरोध में डॉक्टरों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन का नतीजा है। जबकि यह कथन पूरी तरह से गलत और भ्रामक है।’
डॉक्टरों ने कहा, ‘दुखद सड़क दुर्घटना के कारण पॉलीट्रॉमा से पीड़ित युवा लड़के को श्रीरामपुर से हायर सेंटर रेफर किया गया था और उसी दिन, छह सितंबर, 2024 को सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों ने तुरंत उसका इलाज किया। कई समय तक इलाज किया गया। हालांकि हम बचाने में सफल नहीं रहे दोपहर साढ़े 12 बजे लड़के की मृत्यु हो गई। आपने जो दावा किया है कि तीन घंटे तक खून बहता रहा उसमें कोई सच्चाई नहीं है। यह उन डॉक्टरों की कोशिशों पर पानी फेरने जैसा है, जिन्होंने मरीज की जान बचाने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी।’
उन्होंने कहा, ‘आपका सार्वजनिक बयान न केवल तथ्यात्मक रूप से गलत है, बल्कि संभावित रूप से खतरनाक भी है। इस तरह की गलत सूचना फैलाकर, आप चिकित्सा समुदाय के खिलाफ हिंसा और शत्रुता भड़काने का जोखिम उठा रहे हैं। यहां पहले से ही नौ अगस्त की घटना से सभी भारी दबाव और सदमे में है। इस तरह के निराधार आरोप उन डॉक्टरों का मनोबल और गिराते हैं जो सेवा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।’
पत्र में कहा गया कि इन तथ्यों के मद्देनजर, हम मांग करते हैं कि आप डॉक्टर समाज से बिना शर्त सार्वजनिक माफी मांगें और तुरंत अपना झूठा बयान वापस लें। यह जरूरी है कि आप जैसे राजनीतिक नेता जिम्मेदारी से काम करें और सुनिश्चित करें कि आपके शब्दों से तनाव या अशांति न बढ़े। हम आपसे अपेक्षा करते हैं कि आप अपनी गलती सुधारेंगे और किसी भी संभावित परिणाम को रोकने के लिए तुरंत सुधारात्मक कार्रवाई करेंगे।’
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