कोलकाता । कोविड-19 महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान शनिवार से पूरे देश के साथ पश्चिम बंगाल में भी शुरू हो गया है। राज्य के 212 स्वास्थ्य केंद्रों पर पहले चरण में फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर्स को टीका लगाया जा रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से डॉक्टरों को भेजी जा रही एक चिट्ठी को लेकर एक बार फिर सियासी सरगर्मी बढ़ सकती है। दरअसल शनिवार को राज्य के जिन डॉक्टरों को कोरोना का टीका लगा है उन्हें मुख्यमंत्री बनर्जी की ओर से चिट्ठी भेजी गई है। चिट्ठी में ममता ने डॉक्टरों को कोविड-19 के खिलाफ जंग में अग्रिम पंक्ति में खड़े रहने के लिए आभार जताया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि हेल्थ वर्कर्स को राज्य सरकार फ्री में वैक्सीन दे रही है।
मुख्यमंत्री की इस चिट्ठी को लेकर सियासी पारा चढ़ने के आसार हैं। इसकी वजह यह है कि न केवल बंगाल बल्कि पूरे देश में स्वास्थ्य कर्मियों को जो टीका लगाया जा रहा है वह केंद्र सरकार की ओर से नि:शुल्क भेजा गया है। ऐसे में इस वैक्सीन को ममता द्वारा राज्य सरकार की ओर से मुफ्त में उपलब्ध कराए जाने का दावा किए जाने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। कई स्वास्थ्य कर्मियों को राज्य में टीका लगने के बाद मुख्यमंत्री बनर्जी की ओर से चिट्ठी मिली है जिसमें उनकी फोटो भी है।
डॉक्टर श्रेयसी ने आमरी अस्पताल में टीका लगवाया। उन्होंने कहा कि टीका आसानी से लगा, कोई समस्या नहीं हुई। उन्होंने मुख्यमंत्री बनर्जी की चिट्ठी मिलने की पुष्टि की है। चिट्ठी में कहा गया है कि राज्य सरकार फ्रंटलाइन वॉरियर्स के लिए मुफ्त टीका दे रही है।
उल्लेखनीय है कि इसके पहले मुख्यमंत्री की ओर से पुलिसकर्मियों को भी इसी तरह के मैसेज भेजे गए थे जिसे लेकर भाजपा ने उन पर हमला बोला था। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने इसे लेकर ममता को “वैक्सीन चोर” करार दिया था।
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