– 285 पदों के लिए साढ़े तीन लाख से अधिक आवेदन
इन्दौर, राजेश मिश्रा।
देश और प्रदेश में युवाओं के बीच बेरोजगारी कितनी चरम पर पहुंच गई है, इसका एक उदाहरण सामने आया है। प्रदेशभर की जेलों में जेल प्रहरियों की नियुक्ति के लिए जो आवेदन आए हैं, उनमें दांतों के डाक्टर, इंजीनियर, सीए और एमबीए करने वाला तबका भी शामिल है। उच्च शिक्षित वर्ग के आवेदन देखकर अधिकारी भी हैरानी में पड़ गए हैं।
प्रदेशभर की सेंट्रल, जिला और उपजेलों में आने वाले दिनों में नई जेल प्रहरियों की नियुक्ति होना है, जिसके लिए प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से आवेदन मांगे गए थे। कुल 282 पदों के लिए जो आवेदन आए हैं, उनकी संख्या देखकर बोर्ड के साथ-साथ जेल के अधिकारी भी हैरानी में पड़ गए हैं, क्योंकि आवेदनों की संख्या ही तीन लाख के पार पहुंच गई है। इतना ही नहीं, आवेदकों में अधिकांश उच्च शिक्षित वर्ग से जुड़े हैं। इनमें दांतों के डाक्टर, इंजीनियर, सीए, एमबीए करने वालों के साथ-साथ कुछ आवेदक तो ऐसे हैं, जिन्होंने पीएचडी तक कर रखी है। इसके अलावा बीए और बीएड के साथ एमएससी, एमकॉम, एमसीएम के साथ साथ बीएससी, बीकॉम करने वाला वर्ग भी शामिल है। यह सभी लोग एक तरह से बेरोजगारी से त्रस्त हैं और जेल प्रहरी बनकर अपना आगे का भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं। जेल विभाग के अधिकारियों के अनुसार जेल प्रहरियों की भर्ती परीक्षा 3 से 9 नवम्बर तक आयोजित की जाएगी। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते परीक्षा ऑनलाइन होगी। बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों के निर्धारण का काम शुरू कर दिया है।
चयन होने पर नौकरी छोडऩे पर भरना पड़ता है दंड
विक्षिन्न पदों पर चयनित होने के बाद कई युवा ऐसे भी होते हैं, जो जेलों में जाकर जॉइनिंग तो ले लेते हैं, मगर बाद में उन्हें अच्छी नौकरी मिल जाती है तो जेल का पद छोड़ देते हैं। ऐसे युवाओं के लिए जेल विभाग ने सख्त नियम बनाया है। जॉइनिंग के बाद अगर नौकरी छोड़ते हैं तो उनसे जेल विभाग दंड वसूलता है, जो हजारों रुपए होता है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभाग को मौखिक परीक्षा पास होने के उपरांत फिजिकल टेस्ट सहित अन्य तरह की ट्रेनिंग में प्रति व्यक्ति हजारों रुपए का खर्च उठाना पड़ता है।
जेल प्रहरियों की भर्ती परीक्षा के प्रति इस बार युवा और उच्च शिक्षित वर्ग में बेहद उत्साह है। अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य करने वाले युवा भी जेल प्रहरी बनना चाहते हैं। इसके लिए युवक-युवतियों के लाखों आवेदन आए हैं।
संजय पांडे , जेल डीआईजी, मुख्यालय
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