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    आपको भी नाक में उंगली डालने की है आदत? तो भूलकर भी न करें अनदेखा, हो सकती है ये गंभीर बीमारी

    November 11, 2022

    नई दिल्‍ली। कई लोगों की नाक में उंगली डालने की आदत होती है. लोग बैठे-बैठे नाक में उंगली डालते रहते हैं. लेकिन ये आदत बहुत भारी पड़ सकती है. दरअसल नाक में उंगली डालना अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी खतरनाक बीमारियों की वजह बन सकता है. ये बात ऐसे ही नहीं कही जा रही है बल्कि ये बात ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी की रिसर्च में सामने आयी है. ये रिसर्च चूहों के ऊपर की गई थी. दरअसल हमारी नाक में ओलफेक्ट्री नर्व (olfactory nerve) मौजूद होती है, जो सीधा दिमाग से जुड़ी हुई होती है. जब हम नाक में उंगली डालते हैं तो इस ओलफेक्ट्री नर्व (olfactory nerve) के जरिए वायरस और बैक्टीरिया सीधे दिमाग (Brain) की कोशिकाओं (Cells) तक पहुंत जाते हैं. जो दिमाग की बीमारियों की वजह बनते हैं.

    डिमेंशिया और अल्जाइमर
    डिमेंशिया एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है. इसमें दिमाग की नसें सिकुड़ने लगती हैं और कोशिकाएं नष्ट होने लगती है. इसमें दिमाग की सेल्स कम एक्टिव हो जाती हैं. डिमेंशिया में दिमागा का हिपोकैंपस (Hippocampus) हिस्सा सबसे ज्यादा प्रभावित होता है, जो याद रखने का काम करता है. इसी वजह से डिमेंशिया होने पर याददाश्त कमजोर हो जाती है. अल्जाइमर डिमेंशिया का ही एक रूप है.


    अल्जाइमर की वजह?
    क्लामाइडिया न्यूमेनिए (Chlamydia pneumoniae) नामक बैक्टीरिया अल्जाइमर जैसी खतरनाक बीमारी की वजह बनता है. ये नाक से ओलफेक्ट्री नर्व के जरिए हमारे नर्वस सिस्टम में प्रवेश कर सकता है और फिर दिमाग की बीमारियों की वजह बनता है. ये बैक्टीरिया और वायरस (bacteria and virus) की वजह से दिमाग में एमिलॉएड बीटा प्रोटीन का निर्माण होने लगता है. जो अल्जाइमर और डिमेंशिया (Alzheimer’s and Dementia) की वजह बनता है.

    ये हैं शुरुआती लक्षण
    – बातों को भूल जाना, फिर दोबारा पूछना.
    – जगहों और इंसानों के नाम भूलना.
    – सामानों को कहीं रखकर भूल जाना.
    – नई चीजों को सीखने में परेशानी.

    अल्जाइमर की मिडिल स्टेज के लक्षण
    – याद न रहने की वजह से किसी काम को बार-बार करना
    – नींद न आना और दिमाग में भारीपन.
    – देखने, सुनने और सूंघने में परेशानी होना.

    अल्जाइमर के गंभीर लक्षण
    – तेजी से वजन घटना.
    – शॉर्ट या लॉन्ग टर्म तक मेमोरी लॉस, जिसमें इंसान की याददाश्त कभी ठीक और कभी बेहद कमजोर हो जाती है.
    – खाना खाने में दिक्कत होना.

    इस तरह से करें बचाव
    अगर अल्जाइमर से बचाव करना है तो कुछ आदतों को छोड़ना बहुत जरूरी है, जबकि कुछ अच्छी आदतों को शामिल करने की भी जरूरत है. इससे बचना है तो नाक में उंगली डालना और धूम्रपान जैसी चीजों से बचना जरूरी है. दिमाग को मजबूत बनाने के लिए दिमाग की एक्सरसाइज करना जरूरी है. दिमागी कसरत के लिए चेस, वर्ड कैचिंग जैसे गेम खेल सकते हैं. खाना भी दिमाग की सेहत में अहम रोल निभाता है इसलिए हरी सब्जियां, फल और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर चीजें खानी चाहिए.

    (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. हम इसकी पुष्टि नहीं करते है.)

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