नई दिल्ली। तमाम इलाज के बावजूद कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम लेते ही दुनियाभर के लोगों में सिहरन दौड़ जाती है. इनमें अगर फेफड़ों के कैंसर (Lung Cancer) की बात करें तो वह ब्रिटेन में रोजाना 96 और सालभर में 47000 लोगों की जान ले रहा है. यही स्थिति दुनिया भर की है. ऐसे में जितना जल्दी हो सके, इस बीमारी का इलाज करवा लें तो उतना ही अच्छा रहता है.
तर्जनी उंगलियों से चेक करें लंग कैंसर
‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक आप बिना कोई टेस्ट करवाए अपने दोनों हाथ की तर्जनी उंगलियों की मदद से जान सकते हैं कि आपको फेफड़ों का कैंसर है या नहीं. हालांकि कैंसर टेस्ट का यह पुष्ट तरीका नहीं है लेकिन इससे आपको संकेत जरूर मिल जाती है कि आपको इस घातक बीमारी का टेस्ट करवाने की जरूरत है. रिपोर्ट के मुताबिक दोनों उंगलियों की मदद से होने वाले इस टेस्ट को डायमंड गैप फिंगर टेस्ट (Diamond Gap Finger Test) कहते हैं.
35 प्रतिशत मरीजों में पाया गया ये लक्षण
कैंसर रिसर्च यूके के अनुसार, फेफड़ों के कैंसर (Lung Cancer) का यह एक सामान्य लक्षण होता है. करीब 35 प्रतिशत से अधिक मरीजों में यह सामान्य लक्षण देखा गया है. हालांकि यह कोई अनिवार्य नहीं है कि आपकी उंगलियों पूरी आपस में टच नहीं हो रही हैं तो आपको फेफड़े का कैंसर है ही. कई बार सिस्टिक फाइब्रोसिस, हृदय रोग, क्रोहन, दूसरे कैंसर या वंशानुगत वजह से भी ऐसा हो सकता है. हालांकि फिर भी कैंसर स्पेशलिस्ट डॉक्टर को दिखा लेना बहुत जरूरी होता है.
ये लक्षण भी खतरे के संकेत
यह कैंसर (Lung Cancer) होने के कुछ और भी संकेत बताए गए हैं. जैसे हाथ की उंगलियों के सिरे सामान्य से बड़े हो सकते हैं, और नाखून घुमावदार हो सकते हैं. नाखून में परिवर्तन चरणों में होता है. इससे पहले कि नाखून सामान्य से अधिक मुड़ने लगे, नाखून का आधार नरम हो जाता है और नाखून के बेस की त्वचा चमकदार हो जाती है. लंग कैंसर से जूझ रही एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि उनके हाथ की उंगलियों के नाखून मुड़ने लगे थे. शक होने पर उन्होंने डॉक्टरों को बताया कि उन्हें लंग कैंसर है.
घर बैठे आसानी से कर सकते हैं टेस्ट
कैंसर विशेषज्ञ Jean Taylor कहते हैं कि लोगों का अपने घर पर डायमंड गैप फिंगर टेस्ट करना चाहिए. जिससे उन्हें पता चल सके कि किसी को फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer) तो नहीं है. अगर इस बीमारी का शुरू में ही पता चल जाए तो उसका इलाज कराने में मदद मिलती है. वे कहती हैं कि यह कैंसर धीरे-धीरे शरीर में फैलता जाता है और कोई बड़ा लक्षण पैदा नहीं करता. जब तक लोगों को शरीर में कुछ असामान्य हरकत होने का एहसास होता है, तब तक देर हो चुकी है और कैंसर उनके शरीर पर कब्जा कर चुका है. ऐसे में इलाज के बावजूद मरीज को बचा पाना मुश्किल हो जाता है.
फेफड़ों के कैंसर के सामान्य लक्षण (Symptoms of Lung Cancer)
– ज्यादातर समय खांसी होना
– खांसी के तरीके में बदलाव आना
– सांस लेने में दिक्कत होना
– बलगम वाली खांसी, जिसमें कभी-कभी खून भी आता हो
– सीने या कंधे में दर्द रहता हो
– भूख में कमी आना
– लगातार थकान बने रहना
– शरीर का वजन घटना
तुरंत इलाज मिल जाए तो ठीक होने के चांस
रिपोर्ट के मुताबिक आमतौर पर लंग कैंसर (Lung Cancer) की बीमारी से पीड़ित हर 3 मरीजों में से 1 व्यक्ति ट्रीटमेंट होने के बाद केवल एक साल तक जीवित रह पाता है. वहीं 20 में से एक मरीज लगभग 10 सालों तक जी जाता है. जीवित रहने की यह दर हर मरीज में अलग-अलग होती है. यह इस बात पर निर्भर करता है इलाज शुरू होने तक कैंसर शरीर में किस स्तर तक फैल गया था. हालांकि अगर शुरुआती स्टेज में ही मरीज को इलाज मिल जाए तो इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। हम इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करते है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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