शारीरिक अंगों के साथ होने वाली हर छोटी से छोटी एक्टिविटी (activity) को भारत में अंधविश्वास के साथ जोड़कर देखा जाता है. इंसान की आंख फड़कना भी इन्हीं में से एक है. इन धारणाओं में दाईं आंख का फड़कना शुभ माना जाता है, जबकि बाईं आंख फड़कने के अशुभ संकेत होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी इसके वास्तविक कारण को समझने की कोशिश की है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर इंसान की आंख क्यों फड़कती है और कब डॉक्टर से इसकी जांच करवानी चाहिए.
दरअसल पलक की मांसपेशियों (Muscles) में ऐंठन की वजह से किसी इंसान की आंख फड़कती है. ये बेहद मामूली सी बात है और आमतौर पर इंसान की ऊपरी पलक पर ही इसका असर दिखाई देता है. हालांकि ये नीचे और ऊपर दोनों पलकों में हो सकता है. मेडिकल (Medical) में इसकी तीन अलग-अलग कंडीशन होती हैं- मायोकेमिया, ब्लेफेरोस्पाज्म और हेमीफेशियल स्पाज्म.
मायोकेमिया-
आंख फड़कने का यह सबसे सामान्य कारण है जो कि हमारे लाइफस्टाइल से जुड़ा हुआ है. मायोकेमिया (myokemia) मांसपेशियों की सामान्य सिकुड़न के कारण होता है. इससे आंख की नीचे वाली पलक पर ज्यादा असर पड़ता है. ये बहुत थोड़े समय के लिए होता है और लाइफस्टाइल में बदलाव से इसे कंट्रोल किया जा सकता है.
इस मामले में ब्लेफेरोस्पाज्म तो और भी ज्यादा गंभीर है, जिसमें इंसान की आंख पर कुछ सेकंड, मिनट या कुछ घंटों तक फर्क पड़ सकता है. इसमें ऐंठन इतनी ज्यादा तेज होती है कि इंसान की आंख तक बंद हो सकती है. इसमें लोग चाहकर भी आंख फड़कने की एक्टिविटी को कंट्रोल नहीं कर सकते हैं.
आंख फड़ने की असल वजह–
डॉक्टर्स के मुताबिक, ब्रेन या नर्व डिसॉर्डर के चलते भी इंसान की आंख फड़क सकती है. इसमें बैन पल्सी, डिस्टोनिया, सर्विकल डिस्टोनिया, मल्टीपल सेलोरोसिस (multiple sclerosis) और पार्किन्सन जैसे विकार शामिल हैं. जबकि लाइफस्टाइल में कुछ खामियों की वजह से भी लोगों को ऐसी दिक्कतें हो सकती हैं.
स्ट्रेस-
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि स्ट्रेस की वजह से भी कुछ लोगों को आंख फड़कने की समस्या होती है. अगर आपकी आंख भी लगातार फड़कती है तो आपको वो तमाम चिंताएं खत्म कर देनी चाहिए जो आपके स्ट्रेस की असल वजह हैं.
आई स्ट्रेन–
अगर आप पूरा दिन टीवी, लैपटॉप या मोबाइल की स्क्रीन के साथ बिता रहे हैं तो इन चीजों से जल्द दूरी बना लीजिए. आई स्ट्रेन की समस्या से निजात पाने के लिए अपनी आंखों को आराम देना बहुत जरूरी है. स्क्रीन टाइम कम होने से आपकी आंखों को बहुत फायदा होगा.
नींद की कमी-
अगर आपके शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिल पा रहा है तो ये भी आंख फड़कने की बड़ी वजह हो सकता है. डॉक्टर्स कहते हैं कि सेहतमंद रहने के लिए इंसान को कम से कम रोजाना 7-9 घंटे सोना चाहिए. इसलिए दिन के 24 घंटे में से 7-9 घंटे अपनी बॉडी को स्विच ऑफ मोड पर ही रखें.
कैफीन-
कॉफी में मौजूद कैफीन से हमारी बॉडी को बहुत ज्यादा एनेर्जी मिलती है और शरीर को जरा भी थकावट महसूस नहीं होती है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि शरीर को आराम की जरूरत ही नहीं है. कैफीन का कम सेवन करें और शरीर को थकावट महसूस होने दें ताकि आपको अच्छी नींद मिल सके.
एल्कोहल-
कैफीन की ही तरह एल्कोहल से भी हमारे शरीर पर बुरा असर पड़ता है. एल्कोहल के अत्यधिक सेवन से हमारी आंखों में न सिर्फ फड़कने की दिक्कत बढ़ेगी, बल्कि वो धुंधलेपन का शिकार भी हो सकती हैं. इन सबके बावजूद यदि आपकी आंखों में ज्यादा समस्या है तो आपको निश्चित तौर पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य सूचना उद्देश्य के लिए है इन्हें किसी चिकित्सक के रूप में न समझें। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें कोई भी सवाल या परेशानी हो तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें ।
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