नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश की संस्थाओं को टास्क दिया. पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा कि एक साल में दो रिफॉर्म करें और उसको जमीन पर उतारें. प्रधानमंत्री ने ये टास्क सिस्टम सुधारने के लिए दिया है. पीएम मोदी ने कहा, आज देश में करीब 3 लाख संस्थाएं काम कर रही हैं. चाहे वो पंचायत हो, नगर पंचायत हो, नगर पालिका हो, महानगर पालिका हो, UT हो, राज्य हो, जिला हो. मैं अपनी इन 3 लाख इकाइयों से आह्वान करता हूं कि आप साल में अपने स्तर पर 2 रिफॉर्म करें और उसको जमीन पर उतारें.
पीएम मोदी ने कहा कि आप देखिए हम देखते ही देखते साल में 25-30 लाख रिफॉर्म कर सकते हैं. जब 25-30 लाख रिफॉर्म हो जाएं, तब सामान्य मानवी का विश्वास कितना बढ़ जाएगा. उसकी शक्ति राष्ट्र को नई ऊंचाई पर ले जाने में कितनी काम आएगी और इसलिए हम अपने स्तर पर बदलावों के लिए आगे आएंगे. हिम्मत के साथ आगे आएं. उन्होंने कहा कि सामान्य मानवी पंचायत स्तर पर भी मुसीबत झेल रहा है, उन मुसीबतों से हम मुक्ति दिलाएं तो मुझे पक्का विश्वास है कि हम सपनों को पार कर सकते हैं.
अपने दो कार्यकाल के दौरान किए गए सुधारों के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें सूचीबद्ध करने में घंटों लग जाएंगे. लेकिन उन्होंने उदाहरण दिया कि कैसे बैंकिंग क्षेत्र में सुधार किया गया है. उन्होंने कहा कि दशकों के कुप्रबंधन के बाद अब भारतीय बैंक विश्व स्तर पर सबसे मजबूत बैंकों में से हैं. वे अब गरीबों, छात्रों और किसानों की सेवा करते हैं.
भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि हमें कृषि क्षेत्र में रिफॉर्म की जरूरत है. आज हम आसान ऋण, तकनीक और उपज का मूल्यांकन दे रहे हैं. आज जब हर कोई पृथ्वी के बारे में चिंतित है, तो हम जैविक खेती को चुनने के लिए किसानों के आभारी हैं, जिसके लिए हमने बजट में प्रावधान किया है. पीएम मोदी ने कहा कि जैविक भोजन एक ज़रूरत है. हमें किसानों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए.
पीएम ने कहा कि लोग रिफॉर्म्स का इंतजार कर रहे थे. हमें मौका मिला और हमने बड़े सुधार लागू किए. सुधार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता संपादकीय तक सीमित नहीं है, हमारे सुधार छोटी-मोटी प्रशंसा के लिए नहीं हैं, ये देश को मजबूत बनाने के लिए हैं. इससे आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई है. अब हमारे युवाओं के लिए कई रास्ते खुले हैं. युवा अब धीरे-धीरे नहीं चलना चाहते, नई चीजें हासिल करने के लिए छलांग लगाना चाहते हैं, लंबी छलांग लगाना चाहते हैं. यह भारत के लिए स्वर्णिम युग है.
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