होलिका दहन 28 मार्च यानी कि कल है। होलिका की अग्नि काफी शक्तिशाली मानी जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका की अग्नि में सारी परेशानियां और नकारात्मकता जल कर भस्म हो जाती है। होलिका की अग्नि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होलिका विष्णु भक्त प्रह्लाद के प्राण लेने के लिए उसे लेकर अग्नि में बैठी थी। अग्नि में ना जलने के वरदान के बावजूद वो जल कर राख हो गई क्योंकि होलिका के विचार गलत थे। होलिका दहन के दिन यदि कुछ विशेष काम किए जाएं तो आपको जीवन की कई परेशानियों का हल मिल सकता है।
1. अगर आपका बिजनेस अच्छा नहीं चल रहा है तो होलिका दहन के दिन पीले रंग के कपड़े में 11 गोमती चक्र, काली और हल्दी और काले कपड़े में एक चांदी का सिक्का बांधकर होलिका की अग्नि की 11 बार फेरे लगाते हुए इसमें डालें।
2. होली दहन के दूसरे दिन होली की राख को घर लाकर उसमें थोडी सी राई और खड़ा नमक मिलाकर किसी बर्तन में रख लें। ये बर्तन घर में किसी सुरक्षित जगह रखें। इस उपाय से नजर दोष और बुरे समय से मुक्ति मिल सकती है। पैसों की तंगी दूर होती है।
3. अगर आपके बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा है तो बच्चे के हाथ से नारियल, पान और सुपारी होलिका की अग्नि में डलवायें। इससे आपको सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
4. अगर आपके घर में वास्तु दोष है तो होलिका दहन के दिन सुबह नित्यकर्म और स्नान करके अपने इष्टदेव को ईशान कोण को रंग अर्पित करें। ऐसा करने से मन में शांति होगी और घर में भी खुशहाली बनी रहेगी।
5. जहां होलिका दहन होना है, उस स्थान पर उत्तर अथवा पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। सर्वप्रथम आदिदेव गणेश जी एवं माता गौरी की पूजा का विधान होता है।
6. तत्पश्चात ओम होलिकायै नमः, ओम प्रहलादाय नमः, ओम नृसिंहाय नमः मंत्र का उच्चारण करें। इसके बाद चार पुष्प मालाएं लेकर एक अपने पितरों को, एक हनुमंत लला को, एक माता शीतला को और एक अपने परिवार की ओर से होलिका पर समर्पित करें। इसके बाद होलिका की सात बार परिक्रमा कर, पेड़ में कच्चा सूत लपेटें। फिर उसे लोटे का जल अर्पित करें और सभी पूजन सामग्रियों का एक-एक कर होलिका में प्रवाह कर दें। इसके बाद हाथ जोड़ कर अपनी पूर्व की ग़लतियों के लिए, क्षमा याचना करें एवं अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की प्रार्थना करें।
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