नई दिल्ली। सावन की हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) 28 जुलाई 2022 को है. अमावस्या पर स्नान-दान, पितृ शांति (paternal peace) के लिए तर्पण आदि करना बहुत फलदायी माना जाता है. हर माह की अमावस्या का विशेष महत्व है लेकिन सावन की हरियाली अमावस्या पर पूर्वजों (ancestors) के निमित कुछ कार्य के अतिरिक्त पौधारोपण(plantation) का भी विधान है. मान्यता है कि हरियाली अमावस्या पर कुछ खास कार्य करने से जीवन में खुशहाली आ सकती है. आइए जानते हैं कौन से हैं वो काम.
पौधारोपण
हरियाली अमावस्या पर पौधे लगाने की परंपरा है. मान्यता है इस दिन वृक्षारोपण कर उन पौधों की देखभाल का संकल्प लेने से पितृदोष समाप्त (paternalism ended) होता है. इस दिन आंवला, पीपल, नीम, तुलसी, वटवृक्ष का पेड़ लगाने से पुण्य फल मिलता है.
पितृ शांति
कुंडली में पितृदोष होने से जातक का जीवन तनाव युक्त रहता है. मांगलिक कार्यो में बाधाएं आती है. ऐसे में अमावस्या पर पितरों की शांति दक्षिणाभिमुख होकर तर्पण करना चाहिए. इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान के बाद तर्पण करें और फिर पितृसूक्त का पाठ करें.
दीपदान
हरियाली अमावस्या पर दीपदान करने से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है. घर में सुख समृद्धि आती है. इस दिन शनिदेव के समक्ष दीपक लगाकर उनकी आराधना करें. साथ ही आटे के दीपक जलाकर नदी में प्रवाहित करें. इससे जीवन से अंधकार मिटते हैं और खुशियों का आगमन होता है.
अन्नदान
हरियाली अमावस्या पर अन्न दान से पूर्वजों की आत्मा तृप्त होती है. इस दिन किसी जरूरतमंदों को चावल, गेहूं, ज्वार की धानि का दान करना चाहिए. साथ ही किसी ब्राह्रणों को भोजन कराएं.
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