डेस्क: शनिवार के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक रखना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि भगवान शनि इससे कृपा दृष्टि बनाते हैं और व्यक्ति को कभी उनके क्रोध का सामना नहीं करना पड़ता, लेकिन अधिकतर लोगों को पता नहीं कि इस दिन न सिर्फ शनि भगवान बल्कि माता लक्ष्मी का भी निवास स्थान पीपल का वृक्ष होता है. शिवपुराण में भगवान इंद्र के पूजन का दिन शनिवार को ही बताया गया है.
पंडित ने बताया कि शनि न्याय और कर्मफल दाता है. माता लक्ष्मी धनवैभव प्रदान करती हैं और भगवान इंद्र समस्त अलौकिक शुख के स्वामी हैं, इसलिए ना सिर्फ भगवान शनि बल्कि शनीवार को दोनों देव और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.
शनि भगवान की मिलती है दया दृष्टि
मुख्य रूप से शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा से शनि की साढ़े साती से जल्द ही मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि शनिवार को भगवान शनि को सरसो का तेल अर्पित करना चाहिए और संध्या काल में पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक रखना चाहिए. इससे भगवान शनि की कृपा बनी रहती है. शनि दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में शांति और कलेश मिटता है.
नारायण और माता लक्ष्मी की कृपा
भगवान नारायण स्वयं वासुदेव हैं और माता लक्ष्मी इस दिन यहां वास करती हैं. ऐसे में सुख समृद्धि माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
इसी दिन होता है इंद्रदेव का पूजन
शिवपुराण के अनुसार, शनिवार का दिन भगवान इंद्र की पूजा का बड़ा ही उत्तम दिन माना गया है. इसी दिन इंद्र की पूज होती है. इंद्र भगवान को संसार भर के अलौकिक सुख का स्वामी कहा जाता है, इसलीये शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक रख कर इंद्र देव को स्मरण कर लिया तो अलौकिक सुख की प्राप्ति होती है.
तेल के दीपक का महत्त्व
तेल आरोग्यता प्रदान करता है. साथ ही शत्रुओं से रक्षा कर विजयी प्रदान करता है. ऐसे में घर के बाहर तेल का दिया जलाना चाहिये. यह भगवान शनि को अत्यन्त प्रिय भी है इसलिए शनिवार की शाम दोनों देव और माता लक्ष्मी का स्मरण कर दीपक अवश्य जलाएं.
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