नई दिल्ली। हिंदू धर्म में किसी भी नए कार्य की शुरुआत करना हो या फिर शुभ खरीदारी करनी हो उसके लिए शुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है। मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में की गई खरीदारी चीजें या किसी नए कार्य का शुभारंभ करने पर उसमें सफलता अवश्य मिलती है। हिंदू धर्म में त्योहारों का विशेष महत्व होता है।
कई त्योहारों में नई चीजों की खरीदारी जरूर की जाती है जैसे कि नवरात्रि, दशहरा, धनतेरस और दिवाली आदि में तो बढ़ चढ़कर बाजारों से खरीदारी की जाती है। इस वर्ष धनतेरस और दिवाली से पहले ही खरीदारी का महा शुभमुहूर्त बन रहा है। 28 अक्तूबर 2021 को गुरु-पुष्य नक्षत्र का संयोग बनने जा रहा है। आइए जानते हैं धनतेरस और दिवाली से पहले बनने वाले खरीदारी के शुभ मुहूर्त के बारे में…
28 अक्तूबर- गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सभी 27 नक्षत्रों में कुछ नक्षत्र बहुत ही शुभ और फलदायी माने जाते हैं जिसमें से गुरु-पुष्य नक्षत्र बहुत खास होता है। 28 अक्तूबर को पूरे दिन और रात के समय पुष्य नक्षत्र रहेगा। जब भी गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र पड़ता है इसे गुरु-पुष्य नक्षत्र कहा जाता है। ऐसा शुभ संयोग साल में एक से दो बार ही बनता है। गुरु पुष्य नक्षत्र में खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके अलावा 28 अक्तूबर को पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग भी रहेगा।
677 साल बाद गुरु-पुष्य योग और गुरु-शनि का दुर्लभ योग
ज्योतिषाचार्यो के अनुसार 677 साल बाद गुरु-पुष्य योग में शनि और गुरु दोनों ही मकर राशि में विराजमान रहेंगे। ऐसे में इस शुभ संयोग में खरीदारी और निवेश का महामुहूर्त इस बार दिवाली से पहले बन रहा है। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनिदेव ही हैं। ऐसे में खरीदारी के लिए यह बहुत ही मौका है।
गुरु-पुष्य नक्षत्र में कर सकते हैं इन चीजों की खरीदारी
इस बार दिवाली से पहले महामुहूर्त में खरीदारी करने का सबसे अच्छा मौका आया है। इस शुभ मुहूर्त में खरीदारी के अलावा आप जमीन, भवन,सोना-चांदी या शेयर बाजार में भी निवेश कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु और शनि में मित्रता का भाव है जिस कारण से गुरु-पुष्य नक्षत्र में खरीदारी करना बहुत ही अच्छा रहेगा।
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