– 78 साल पहले गूंजा था नारा अंग्रेजों भारत छोड़ो
इंदौर । आज से 78 साल पहले देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारत को अंग्रेजों के गुलामी से आजाद करवाने में पुरे देश की जनता को एकत्रित कर लिया था। और 8 अगस्त 1942 को ब्रिटिश हुकूमत को खत्म करने के लिए महात्मा गांधी ने करो या मरो के नारे के साथ अपनातीसराआंदोलन अंग्रेजों भारत छोड़ो का शंखनाद किया था ।
अंग्रेजों को भारत छोडऩे पर मजबूर करने में इस आंदोलन का बहुत बड़ा हाथ था। बापू ने ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ आंदोलन की शुरुआत अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुंबई अधिवेशन से की थी। अंग्रेजों को देश से भगाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 4 जुलाई, 1942 को एक प्रस्?ताव पारित किया था। महात्मा गांधी और उनके समर्थकों ने अंग्रेजी हुकूमत से स्पष्ट रूप से कह दिया कि वह द्वितीय विश्वयुद्ध के प्रयासों का तब तक समर्थन नहीं करेंगे जब तक भारत को पूरी तरह से आजादी नहीं मिल जाती। बापू ने ‘करो या मरो’ के नारे के साथ सभी देशवासियों से अनुशासन बनाए रखने की भी अपील की।
अहिंसा के आंदोलन में मारे गए थे सैकड़ों
अहिंसा के इस आंदोलन में अंग्रेजी शासन की निर्ममता के चलते करीब 940 लोग मारे गए थे। वहीं 1630 घायल भी हुए थे। 60 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी भी दी। अंग्रेजी हुकूमत के दस्तावेजों के मुताबिक अगस्त 1942 से दिसंबर 1942 तक पुलिस और सेना ने प्रदर्शनकारियों पर 538 बार गोलियां चलाईं।
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