खराब खानपान और जीवनशैली के चलते ज्यादातर लोगों में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में आपको इससे सजग रहने की जरूरत है। जिसके कारण लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। जिसे देखते हुए हम आपको कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी जरूरी जानकारी देने जा रहे हैं, जिससे आप शरीर में बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को लेकर सजग रहें।
कोलेस्ट्रॉल क्या है (What Is Cholesterol)
यह सच है कि कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए जरूरी भी है, लेकिन ज्यादा बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल ठीन नहीं है, जो हमें दान में कई बीमारियां दे सकता है। कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होता है, एक जिसे हम एचडीएल और दूसरे को एलडीएल कोलेस्ट्रॉल कहते है। हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल संतुलित होना बेहद जरूरी होता है, इसलिए दोनों को गुड और बैड कोलेस्ट्रॉल भी कहते हैं। गुड कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल, जो शरीर में जरूरी कार्य करता है जैसे- हार्मोन और विटामिन डी का निर्माण करना आदि, जबकि बैड कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल हमारी धमनियों में जमने लगता है और हमारे शरीर में कई बीमारियों को बढ़ावा देता है।
एंटीबायोटिक दवाओं (Antibiotic medicines) के ओवर-द-काउंटर उपयोग ने काबार्पेम्स और कोलीन जैसी मूल्यवान दवाओं की प्रभावकारिता घटा दी है। हम तेजी से जीवन रक्षक विकल्पों से बाहर हो चले हैं, क्योंकि वर्तमान में चिकित्सा समुदाय सरल संक्रमण के उपचार से लेकर जटिल शल्यचिकित्सा(Surgery) प्रक्रियाओं तक एंटीबायोटिक दवाओं पर बहुत अधिक निर्भर करता है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से होने वाली शारीरिक समस्याएं
रक्त संचार में बाधा
जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है। तो, यह जाकर आपकी धमनियों (arteries) में जमा हो जाता है। जिसके चलते ब्लॉकेज का निर्माण हो जाता है, जिससे रक्त संचार, तो बाधित होता ही है, इसके साथ ही मस्तिष्क(Brain), आंखों, दिल, किडनी (kidney) और शरीर के निचले हिस्से के अंगों को कार्य करने में समस्या आने लगती है।
बढ़ जाती है हार्ट अटैक की संभावना
शरीर में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) से हार्ट अटैक की संभावनाओं को कई गुना बढ़ जाती है। दरअसल ये बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल हृदय की रक्त वाहिनियों में जमा हो जाता है, जिससे हृदय तक रक्त का संचार ठीक से नहीं हो पाता और दबाव बढ़ता है। जिसके चलते हार्ट अटैक आ जाता है।
जा सकती हैं आपकी आंखों की रोशनी
जब शरी में अधिक कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है, तो आंखों की ओर होने वाला रक्त संचार बंद हो सकता है, जिसके कारण धीरे-धीरे आपकी आंखों की रोशनी (eyesight) पूरी तरह से चली जाती है। यानी की आप इससे धीरे-धीरे अंधे हो जाते हैं या हो सकते हैं।
हो सकता हैं ब्रेन स्ट्रोक और मानसिक बीमारी
जब कोलेस्ट्रॉल का अधिक जमाव हो जाता है। तो इसके कारण मस्तिष्क तक रक्त संचार ठीक से नहीं हो पता है, जिसके चलते ब्रेन स्ट्रोक, तनाव व मानसिक समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है।
किडनी में समस्या से भी हो सकते हैं परेशान
आपको बता दें कि रक्त संचार का प्रभावित होना, लगभग शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करता है। इससे आप किडनी की समस्याओं में भी परेशान हो सकते हैं, क्योंकि बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल का प्रभाव रेनल धमनियों पर भी पड़ता है।
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित के उपाय:
अगर आपको कोलेस्ट्रॉल की समस्या है या आप खुद को इससे बचाए रखना चाहते हैं। तो, अपनी लाइफस्टाइल (Lifestyle) में जरूरी बदलाव करके और कुछ टिप्स को अपनाकर अपनी बढ़े कोलेस्ट्रॉल की समस्या को न सिर्फ कम कर सकते हैं, बल्कि होने से भी रोक सकते हैं :
फैट वाली चीजों का न करें सेवन:
शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने का अहम रोल फैट वाली चीजें होती हैं। जो अक्सर लोगों को पसंद भी होती है, लेकिन अगर आपको अपना कोलेस्ट्रॉल कम करना है या इससे बचे रहना है। तो, आपको सैचुरेटेड फैट से भरपूर चीजों से दूरी बनाकर रखनी होगी और साथ ही मीट, अंडा, प्रोसेस्ड फूड, तली भुनी चीजें, डेयरी प्रॉडक्ट्स आदि चीजें को भी बहुत ज्यादा न खाएं।
हेल्दी डाइट:
अपने खाने में साबुत अनाज, मछली, नट्स, फल और सब्जियां और चिकन आदि को शामिल करें। फाइबर से भरपूर चीजें खाएं और बहुत ज्यादा चीनी वाले खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ न पियें। इसके अलावा फुल फैट क्रीम वाले दूध की जगह लो-फैट या स्किम्ड मिल्क का यूज करें।
दिनभर अपने को रखें सक्रिय:
अगर आप दिनभर एक जगह बैठे रहते हैं। तो, आज से ही शारीरिक गतिविधि करना शुरू कर दें। एक हफ्ते में 3 से 4 बार ऐरोबिक एक्सरसाइज जरूर करें। इससे बैड कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल होता है। इसके अलावा वॉक करें, रनिंग करें, जॉगिंग करें, स्विमिंग और डांस आदि करें। इससे आप सक्रिय रहेंगे और कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होगा।
शरीर का सही वजन बनाए रखें:
आप यदि मोटापे का शिकार हैं तो, इससे भी बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है। इसलिए आप आपना पहले बढ़ा हुआ वजन जरूर कम करने की कोशिश करें।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य सूचना उद्देश्य के लिए है इन्हें किसी चिकित्सक के रूप में न समझें। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें कोई भी सवाल या परेशानी हो तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें ।
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