नई दिल्ली। कोरोना के संक्रमण से सुरक्षित रखने में वैक्सीन की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक वैक्सीन, कोरोना के गंभीर संक्रमण से सुरक्षित रखने में सहायक है। हालांकि वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों में इसके साइड-इफेक्ट्स के रूप में बुखार, हाथों-शरीर में दर्द और थकान की समस्या हो सकती है। इस डर के कारण कुछ लोग पहले ही पेनकिलर दवाइयां ले लेते हैं। इस संबंध में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन लगवाने से पहले या बाद में दर्द निवारक दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए। यह दवाएं कई तरह से वैक्सीन की प्रभाविकता घटा सकती हैं।
ऐसे में आपके मन में भी सवाल आ रहा होगा कि डॉक्टर वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स को कम करने के लिए दर्द निवारक दवाओं को लेने से रोक रहे हैं तो आखिर पेरासिटामोल लेने की सलाह क्यों दी जाती है? पेरासिटामोल से भी तो दर्द और बुखार की दिक्कतों में राहत मिल जाती है? आपकी यह सोच लाजमी है, आइए इस बारे में विशेषज्ञ से जानते हैं, साथ ही यह भी जानने की कोशिश करते हैं कि वैक्सीनेशन से पहले या बाद में किन दवाइयों से परहेज करना चाहिए?
क्या हैं दर्द निवारक दवाएं
डॉ विक्रमजीत बताते हैं कि दर्द निवारक दवाएं, दर्द के एहसास और शरीर के इंफ्लामेशन को कम करने में सहायक होती हैं। सामान्यतौर पर दर्द निवारक दवाइयों को नॉन-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। ऐसी दवाइयां दर्द और सूजन पैदा करने वाले रसायनों को अवरुद्ध कर देती हैं। वैक्सीन से पहले इस तरह की दवाइयों के सेवन से इसलिए रोका जाता है क्योंकि इस तरह की दवाइयों से खून के पतला होने के अलावा इनसे एलर्जी का खतरा हो सकता है। यह वैक्सीन के साथ रिएक्ट भी कर सकती हैं।
क्यों दी जाती हैं पेरासिटामोल?
वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स को कम करने के लिए डॉक्टर पेरासिटामोल लेने की सलाह देते हैं। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल आ सकता है कि एक तरफ वैक्सीनेशन के पहले या बाद में दर्द निवारक दवाइयों के सेवन से रोका जाता है तो फिर पेरासिटामोल लेने की सलाह क्यों दी जाती है, यह भी तो एक तरह का पेनकिलर है? इस बारे में डॉ विक्रमजीत बताते हैं कि पेनकिलर और पेरासिटामोल में थोड़ा अंतर है। पेरासिटामोल को एंटीपायरेटिक दवाइयों की श्रेणी में रखा गया है जबकि अन्य पेनकिलर को एनएसएआईडी में। पेरासिटामोल से वैक्सीन की प्रभाविता पर कोई असर नहीं होता है।
जिन लोगों की पहले से दवाइयां चल रही हों, वह क्या करें?
डॉ विक्रमजीत बताते हैं जिन लोगों की पहले से दवाइयां चल रही हैं उन्हें वैक्सीनेशन से पहले या बाद में इन्हें छोड़ना नहीं चाहिए। हां, इस बारे में एक बार अपने डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर हो सकता है। इससे यह पता करने में आसानी रहती है कि कहीं आपकी रूटीन में कोई ऐसी दवा तो नहीं है जो वैक्सीन के प्रभाव को कम कर सकती हो। किसी भी तरह के साइड-इफेक्ट्स के डर से वैक्सीन लेने से कतराएं नहीं। साइड-इफेक्ट्स एक से दो दिनों में बिना दवाइयों के भी ठीक हो जाते हैं।
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