नई दिल्ली। सर्दियों का मौसम (winter season) आते ही लोग ठंड से बचने के लिए तरह तरह के कपड़े पहने लगते हैं और रात हीते ही कई लोग आलस के चलते इन्ही कपड़ों में सो जाते हैं, लेकिन भी आपने सोचा है कि रात में गर्म कपड़े (winter season) पहनकर नहीं सोना चाहिए। ऊनी कपड़े पहनकर रजाई के अंदर सोने से कभी-कभी बेचैनी, घबराहट, ब्लड प्रेशर लो होने की शिकायत हो सकती है। अगर गरम कपड़े पहनने ही हैं तो थर्मोकॉट पहने जा सकते हैं।
जानकारों का कहना है कि ऊनी कपड़े पहनकर सोने से एलर्जी और खुजली की समस्या हो सकती है। नर्म-मुलायम त्वचा होने पर ऊनी कपड़ों के रोएं के साथ इसके खिंचाव की संभावना कम होती है। रुखी त्वचा होने पर कपड़े के रोएं भी अकड़ जाते हैं, जिसके कारण अधिक खिंचाव पैदा होता है। इसकी वजह से त्वचा पर दाने, चकत्ते, रैशेज जैसी समस्या भी हो सकती है। अगर हम रजाई या कंबल के अंदर ऊनी कपड़े पहन कर सोते हैं तो ऊनी कपड़ों के फाइबर हमारी शरीर की गरमी को लॉक कर देते हैं। ऐसे में स्वेटर की गर्मी और रजाई की गर्मी सर्दी के मौसम में डायबिटीज के मरीजों और खासकर हार्ट के मरीजों के लिए खतरा बन सकती है। इसलिए उन्हें स्वेटर पहनकर सोने के लिए मना किया जाता है।
डॉक्टर का कहना है कि जब त्वचा ज्यादा ड्राई होगी तो स्किन में एक्जिमा बढ़ेगा, जिसेस खुजली बढ़ेगी। इसलिए रात को गर्म कपड़े पहनकर नहीं सोना चाहिए। जिनकी त्वचा पहले से ही संवेदनशील है उन्हें ज्यादा दिक्कतें होने लगती हैं। गर्म कपड़ों से बॉडी की नमी चली जाती है जिससे त्वचा रोग बढ़ते हैं।
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