नई दिल्ली: जब आप वेब ब्राउज करते हैं, तो वेबसाइट्स और ऐप्स आपसे आपका ईमेल एड्रेस मांगती हैं. आप बिना किसी हिचकिचाहट के उन्हें अपना ईमेल एड्रेस सौंप देते हैं. आमतौर पर ऐसा नहीं लगता कि यह हमारे लिए नुकसानदेह है, लेकिन किया आप जानते हैं कि जब आप किसी ऐप या वेबसाइट पर अपना ईमेल दर्ज करते हैं, तो आप ईमेल के अलावा उनके साथ कुछ और भी शेयर कर रहे होते हैं.
हालांकि, जो बात आज हम आपको बताने जा रहे हैं उसके बाद अपना ईमेल एड्रेस किसी वेबसाइट को सौंपने से पहले दो बार जरूर सोचेंगे. दरअसल, एडवर्टाइजर्स, वेब पब्लिशर्स और ऐप निर्माताओं के लिए आपका ईमेल न केवल आपसे संपर्क करने के लिए महत्वपूर्ण होता है, बल्कि यह कंपनियों के लिए एक डिजिटल ब्रेडक्रंब के रूप में काम करता है. इसके जरिए आपको रेलिवेंट ऐड दिखाने के लिए साइट्स और ऐप्स पर आपकी गतिविधि को लिंक किया जाता है.
दशकों से डिजिटल ऐड इंजस्ट्री हमारी एक्टिविटीज को फॉलो करने और फिर हमें टारगेट ऐड दिखाने के लिए वेबसाइटों और ऐप्स के अंदर लगाए गए अदृश्य ट्रैकर्स पर निर्भर था. हालांकि,पिछले कुछ वर्षों में इस सिस्टम में व्यापक परिवर्तन हुए हैं. इसमें Apple द्वारा 2021 में एक सॉफ़्टवेयर फीचर जारी करना शामिल है.
Apple द्वारा पेश किए इस फीचर से iPhone यूजर्स ऐप्स को ट्रैक करने से रोकने की अनुमति मिलती है और वेबसाइटों को कुकीज का उपयोग करने से रोका जा सकता है. इसके चलते विज्ञापनदाता, वेब पब्लिशर्स और ऐप निर्माता अब अन्य माध्यमों से लोगों को ट्रैक करने का प्रयास कर रहे हैं और इसका एक आसान तरीका ईमेल एड्रेस मांगना है.
मिनियापोलिस में एक विज्ञापन फर्म मॉडर्न इम्पैक्ट के सीईओ माइकल प्रियम का कहना है कि मैं आपका ईमेल एड्रेस ले सकता हूं और वह डेटा ढूंढ सकता हूं जिसे आपने कभी महसूस नहीं किया होगा कि आपने ये डेटा किसी ब्रांड को दिया है. हमारे पास मौजूद ग्राहकों के डेटा की मात्रा सचमुच चौंकाने वाली है.
बनाई आपकी प्रोफाइल
कई सालों से डिजिटल ऐड इंडस्ट्री ने वेब पर आपके द्वारा देखी जाने वाली साइटों के आधार पर आप की एक प्रोफाइल कलेक्ट की है. आपके बारे में जानकारी गुप्त तरीकों से एकत्र की गई, जिसमें उपरोक्त कुकीज और ऐप्स के अंदर लगाए गए अदृश्य ट्रैकर्स शामिल थे. अब जबकि अधिक कंपनियां उन मैथड के उपयोग को रोक रही हैं और नई तकनीक अपना रही हैं.
यूनिफाइड आईडी 2.0
इसल दौरान एक तकनीक जो Traction प्राप्त कर रही है, वह यूनिफाइड आईडी 2.0. यह एक विज्ञापन ढांचा है, जिसे कैलिफोर्निया में एक विज्ञापन-प्रौद्योगिकी कंपनी ट्रेड डेस्क द्वारा विकसित किया गया है. अगर आप यूआईडी 2.0 का उपयोग कर एक स्नीकर वेबसाइट पर खरीदारी कर रहे हैं, तो आपको एक पॉप मिलता है और आपको अपना ईमेल पता शेयर करने के लिए कहता है.
एक बार जब आप अपना ईमेल दर्ज करते हैं, यूआईडी 2.0 इसे अंकों और डिजिट की एक स्ट्रिंग से बने टोकन में बदल देता है. जब आप UID 2.0 का उपयोग करने वाले अपने टीवी पर स्पोर्ट्स स्ट्रीमिंग ऐप में लॉग इन करने के लिए इसका उपयोग करते हैं तो वह टोकन आपके ईमेल एड्रेस के साथ चलता है.
पर्सनल जानकारी तक एक्सेस
विज्ञापनदाता टोकन के आधार पर दो अकाउंट को एक साथ जोड़ सकते हैं, और वे स्पोर्ट्स स्ट्रीमिंग ऐप पर स्नीकर विज्ञापनों के साथ आपको टारगेट कर सकते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि आप स्नीकर वेबसाइट पर गए थे.चूंकि आपका ईमेल एड्रेस विज्ञापनदाता को नहीं बताया जाता है, यूआईडी 2.0 को पारंपरिक कुकी-बेस्ड ट्रैकिंग से ग्राहकों के लिए एक कदम के रूप में देखा जा सकता है, जो विज्ञापनदाताओं को आपके डिटेल ब्राउज़िंग हिस्ट्री और पर्सनल जानकारी तक एक्सेस प्रदान करता है.
इससे बचने के लिए क्या करें?
आपके ईमेल एड्रेस के आधार पर आपको टारगेट करने के लिए विज्ञापन कंपनियों की क्षमता को सीमित करने के लिए कई विकल्प हैं. इससे बचने के लिए अलग-अलग ईमेल एड्रेस बनाएं. इसके अलावा हर साइट या ऐप में लॉग इन करने के लिए एक यूनीक एड्रेस बना सकते हैं. इससे विज्ञापन तकनीक कंपनियों के लिए आपके ईमेल हैंडल के आधार पर प्रोफाइल कलेक्ट करना कठिन हो जाएगा.
ईमेल-मास्किंग टूल का उपयोग करें
ऐपल और मोज़िला ऐसे टूल पेश करते हैं जो ऐप या साइट में लॉग इन करने के लिए ऑटोमैटिकली उपनाम से ईमेल बनाते हैं. उपनामों को भेजे गए ईमेल आपके वास्तविक ईमेल पते पर फॉर्वर्ड किए जाते हैं.
ऑप्ट आउट करें
इसके अलावा जब भी संभव हो, ऑप्ट आउट करें. विज्ञापन टारगेटिंग के लिए यूआईडी 2.0 ढांचे का उपयोग करने वाली साइटों के लिए, आप https://transparentadvertising.org पर अपना ईमेल पता दर्ज करके ऑप्ट आउट कर सकते हैं.
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