नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद भारत में साइबर फ्रॉड से जुड़े मामलों में काफी इजाफा देखने को मिला है। देशव्यापी लॉकडाउन लगने के बाद कई लोग साइबर अपराध का शिकार हुए हैं। ऐसे में कई लोगों को एक बड़े घाटे का सामना करना पड़ा। लोगों के साथ ठगी करने के लिए अक्सर साइबर ठग नए नए हथकंडों का इजाद करते रहते हैं। इन दिनों स्कैमर्स ने साइबर अपराध को अंजाम देने के लिए एक नया तरीका निकाला है।
इसमें स्कैमर्स वेबसाइट बनाकर उस पर गलत कस्टमर केयर नंबर को डाल देते हैं। साइबर ठग इन वेबसाइट्स को गूगल के सर्च इंजन पर ऑप्टीमाइज कर ऊपर की तरफ रैंक करवाते हैं। ऐसे में कई बार जब ग्राहक बैंक के कस्टमर केयर नंबर को गूगल पर सर्च करता है, तो उन्हें ये नंबर शो होने लगता है। इस तरह के फ्रॉड को लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने ग्राहकों को चेतावनी भी दी है।
इस तरह के स्कैम में बैंकों का नाम बड़े स्तर पर उपयोग किया जा रहा है। ऐसे में आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। अक्सर किसी समस्या को लेकर जब हम बैंक के कस्टमर केयर नंबर को सर्च करते हैं। उस दौरान इस तरह की वेबसाइट पर अंकित फेक कस्टमर केयर नंबर शो होने लगते हैं।
इन नंबरों को डायल करने के बाद बैंक ग्राहकों के साथ फ्रॉड होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। ऐसे में व्यक्ति द्वारा कमाई गई सारी जमा पूंजी खत्म हो सकती है। इस तरह के हो रहे फ्रॉड को लेकर कई बैंकों ने पहले भी ग्राहकों के लिए चेतावनी जारी कर रखी है।
बैंक आपसे कभी भी ओटीपी, एटीएम कार्ड, नेट बैंकिंग का यूजर नेम और पासवर्ड आदि से जुड़ी जानकारी की मांग नहीं करता है। ऐसे में अगर आपसे कोई फोन कॉल पर इस तरह की जानकारी की मांग करता है, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। अपने बैंक से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को किसी के साथ साझा न करें। ऐसा करने पर आपको भविष्य में एक बड़े घाटे का सामना करना पड़ सकता है।
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