नई दिल्ली। हिंदू धर्म(Hindu Religion) में भगवान शिव (Lord Shiva) को सभी देवी देवताओं में सबसे बड़ा माना जाता है. ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान शिव(Lord Shiva) ही दुनिया को चलाते हैं. वह जितने भोले हैं उतने ही गुस्से वाले भी हैं. शास्त्रों के मुताबिक सोमवार (Monday) का दिन भगवान शिव(Lord Shiva) को समर्पित है. शिव जी को प्रसन्न करने के लिए लोग व्रत करते हैं. सोमवार के दिन ही शिव(Lord Shiva) की पूजा का विशेष महत्व है. कहते हैं सोमवार के दिन भगवान शिव(Lord Shiva) की अराधना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस दिन मंदिर में जाकर शिवलिंग (Shivling) पर जल चढ़ाया जाता है. लेकिन इस दौरान कई तरह की भूल हो जाती है, जिससे भगवान रुष्ट हो जाते हैं.
जलधारी को कभी न लांघें
जिस स्थान से शिवलिंग का जल प्रवाहित होता है उसे जलधारी, निर्मली और सोमसूत्र कहते हैं. कहते हैं कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद उसे कभी नहीं लांघना चाहिए. अगर आप गलती से भी ऐसा करते हैं तो जलधारी की ऊर्जा मनुष्य के पैरों के बीच से होते हुए शरीर में प्रवेश कर जाती है. इसके चलते शरीर में शारीरिक और मानसिक बीमारियां हो सकती हैं.
शिवलिंग का जल घर में छिड़कें
धर्म शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग का ऊपरी हिस्सा पुरुष और निचला हिस्सा स्त्री का प्रतिनिधित्व करता है. इसके चलते ही शिवलिंग को शिव और शक्ति दोनों का प्रतीक माना जाता है. यह ऊर्जा बहुत गर्म और शक्तिशाली होती है. इसलिए शिवलिंग पर जलाभिषेक करके उसे शांत करने की कोशिश की जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से उसमें दोनों शक्तियों की ऊर्जा के कुछ अंश शामिल हो जाते हैं. ऐसे में शिवलिंग पर चढ़े हुए जल को घर में छिड़कने से नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. अग्निबाण इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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