भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमल नाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक लेटर लिखा है। पीएम मोदी को लिखे लेटर में कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में सरकार गिराने और लगातार कांग्रेस विधायकों के हो रहे इस्तीफों की जानकारी दी है। कमलनाथ ने पीएम मोदी से लोकतंत्र को बचाने की अपील की है।
कमलनाथ ने लिखा- आज समूचे विश्व का मानव समाज एक भीषण महामारी का दृढ़ता से सामना कर रहा है। आज़ाद भारत में दशकों के अथक प्रयासों के बाद हमने भी इतनी वैज्ञानिक परिपक्कता अर्जित की है कि हम इस प्रकार की महामारियों का बेहतर तरीके से मुकाबला कर सकते हैं, परन्तु आज मैं आपका ध्यान भारत की अप्रजातांत्रिक महामारी के संदर्भ में आकृष्ट करना चाहता हूं। दशकों के अथक प्रयासों के बाद हम सबने मिलकर भारत को विश्व का सबसे परिपक्क प्रजातंत्र बनाया है और संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी के अनुसार हमारे संविधान का सबसे खूबसूरत पहलू, इसका संघीय स्वरूप है। संविधान सभा में एक पक्ष था जो भारत के लिए एकात्म संविधान, जिसमें सारी शक्तियां केंद्र में निहित हों, का पक्षधर था परन्तु बाबा साहब के प्रयास से इस राष्ट्र को एक संघीय संविधान मिला, जिसमें केंद्र और राज्यों को अलग-अलग स्वायत्तता प्रदान की गई है। भारत की संघीय व्यवस्था के कारण ही सम्पूर्ण विश्व में हमारे प्रजातंत्र की एक विशेष पहचान है परन्तु विगत कुछ समय से बाबा साहब की भावनाओं को आहत करते हुए भारत की संघीय व्यवस्था पर निरन्तर प्रहार किया जा रहा है। जिन प्रान्तों में केन्द्र सरकार से प्रतिपक्षीय सरकारें हैं उन्हें अनैतिक तरीके से गिराया जा रहा है।
एमपी की सरकार गिराना घृणित काम
मध्यप्रदेश की निर्वाचित सरकार को गिराना भारत के प्रजातांत्रिक इतिहास के सबसे घृणित कृत्यों में से एक है। यह सोचकर भी दिल दहल जाता है कि जब एक ओर पूरा मानव समाज अपने अस्तित्व की लड़ाई कोरोना महामारी से लड़ रहा था तब दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मध्यप्रदेश के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सहित कई मंत्रियों और विधायको को लेकर मध्यप्रदेश की सरकार गिराने के लिए बैंगलोर चले गए और मध्यप्रदेश के नागरिकों को महामारी की आग में झोंक दिया। जन चर्चा यह भी है कि मध्यप्रदेश के कई मौकापरास्त, मतलबी, लोभी और प्रजोभी नेताओं ने कांग्रेस की सरकार गिराने तक देश में लॉकडाउन को 24 मार्च के पहले लागू नहीं होने दिया। अभी भी मध्यप्रदेश में भाजपा द्वारा प्रतिपक्षीय विधायकों को प्रलोभित करके उनके इस्तीफ़े कराकर भाजपा में शामिल कराया जा रहा है और ऐसे अनैतिक कृत्य कर उपचुनावों का बोझ प्रदेश के नागरिकों पर डाला जा रहा है।
मेरी चिंता सिर्फ प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के गिरने तक सीमित नहीं है बल्कि आज देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था में एक भूचाल आया हुआ है और ऐसी शंका है कि इस केन्द्र बिन्दु, केन्द्र में निहित है, परन्तु मैं उम्मीद करता हूं कि मेरी शंकाएं निराधार साबित होंगी और आप भारत के लोकतंत्र की गिरती हुई साख को बचाने के लिये आगे आयेंगे तथा ऐसे अवसरवादी नेताओं को अपनी सरकार और दल में कोई स्थान नहीं देंगे। जिन पर प्रजातांत्रिक मूल्यों का सौदा करने का आरोप है। ताकि हम भारत राष्ट्र की वैश्विक पटल पर स्थापित लोकतांत्रिक निष्पक्षता, पारदर्शिता और परिपक्वता की पहचान को बरकरार रख पायेंगे।
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