आज के दौर में पाचन संबंधी समस्याएं सभी आयु वर्ग के लोगों में दिखती हैं. आजकल की लापरवाह जीवनशैली, भागदौड़ भरी जिंदगी, बेवक्त और उलटा-सीधा खाने की आदतें पाचन क्रिया को बिगाड़ देती हैं, जिससे पेट से जुड़ी कई समस्याएं जन्म ले लेती है. अनियमित खान-पान (food and drink) की आदतें और खराब जीवनशैली, पाचन शक्ति को कमजोर कर सकती है. इससे पेट और आंत कमजोर पड़ने लगते हैं और पाचन संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती हैं.
आंत
व्यक्ति के शरीर में हर अंग का अपना अलग महत्व है. जिस प्रकार से इंसान का मस्तिष्क काम करता है, ठीक उसी तरह से व्यक्ति के शरीर में आंत का महत्व होता है. प्राण पॉइंट्स की संस्थापक डिंपल जांगडा मानती हैं कि आंत की देखभाल करने का अर्थ है शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य (Health) दोनों का ध्यान रखना. ऐसा इसलिए क्योंकि 70 प्रतिशत से ज्यादा सेरोटोनिन यानी हैप्पीनेस हार्मोन (happiness hormone) हृदय या मस्तिष्क में नहीं बल्कि आंत में बनता है.
रोगाः सर्वे अपि मंदे अग्नौ
डॉ ने बताया कि किस तरह से एक स्वस्थ आंत अच्छी सेहत के लिए महत्वपूर्ण है. आंत न केवल भोजन को पचाती है, बल्कि ये हमारी भावनाओं को प्रोसेस कर शरीर के अन्य हिस्सों की देखरेख करती है. इतना ही नहीं, वो कहती हैं कि अस्वस्थ आंत सभी बीमारियों (all diseases) का मूल कारण होती है
ऊट-पटांग
डॉक्टर के अनुसार, चिंता से लेकर, तनाव, पर्याप्त भोजन न मिलना और व्यायाम की कमी और एक गतिहीन जीवनशैली (जिसमें कोई फिजिकल एक्टीविटी न हो) हमारे स्वास्थ्य को बिगाड़ सकते हैं. भूख से अधिक खाना या अनियमित भोजन करना, कुछ भी ऊट-पटांग खा लेना भी खराब पाचन का कारण हो सकता है. इसके अलावा, लंबे समय तक उपवास रखने से या भूखा रहने से आंत पर बुरा प्रभाव पड़ता है. डॉक्टर मानती हैं कि खुद को स्वस्थ बनाए रखने के लिए केवल ‘खाते समय खाओ और खेलते समय खेलो’ के नियम का पालन करना चाहिए. आइए जानते हैं डॉ दीक्षा के अनुसार, आंत में गड़बड़ के क्या लक्षण हो सकते हैं.
मल त्याग करना
अगर किसी व्यक्ति को हर समय पेट में भारीपन या फूला हुआ महसूस होता है, कब्ज या दिन में दो या ज्यादा बार मल त्याग करना पड़ता है, मुंह की उचित साफ-सफाई के बावजूद भी सांसों से दुर्गंध आती है. इसका मतलब आपकी आंत अस्वस्थ है.
वजन घटाने की सोच रहे
अगर आप वजन बढ़ाने (weight gain) की या घटाने की सोच रहे हैं, लेकिन मेहनत करने पर भी असफलता हासिल हो रही है. तो ये आपकी आंत के सही ढंग से काम ना करने के कारण हो सकता है.
एनर्जेटिक महसूस नहीं करते हैं
अगर आप खुद एनर्जेटिक महसूस नहीं करते हैं या थकावट का एहसास होता रहता है तो कहीं न कहीं इसके लिए आपकी खराब आंत जिम्मेदार है. इसके अलावा, अनियमित पीरियड्स, एक्ने जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं भी अस्वस्थ आंत के कारण हो सकती हैं.
व्यायाम की आदत डालना
डॉ भावसार कहती हैं, एक स्वस्थ आंत से आपको हैप्पी हार्मोन, कम तनाव, पोषक तत्व, अच्छी नींद, अच्छी याददाश्त, चमकती त्वचा, चमकदार बाल, स्वस्थ आंत और बहुत कुछ प्राप्त हो सकता है. वो कहती हैं कि, इसके लिए आपको अपनी जीवनशैली में कुछ सुधार करने की जरूरत है. इनमें खाने की आदत, सोने के पैटर्न, व्यायाम की आदत डालना, तनाव से दूरी रखना आदि शामिल हैं. अपनी आंत को हमेशा खुश और स्वस्थ रहने के लिए बस इतना ही चाहिए.
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