नई दिल्ली. महिलाओं में पीरियड्स (periods) के दौरान क्रैंप्स का होना आम बात है. लेकिन जब ये बार-बार हो तो इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. ये किसी बीमारी का लक्षण भी हो सकता है. महिलाओं में पीरियड्स के दौरान तेज दर्द का होना एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) नामक बीमारी का लक्षण भी हो सकता है. इस बीमारी में महिलाओं के गर्भाशय के बाहर गर्भाशय की लाइनिंग बनाने वाले ऊतक से मिलता-जुलता ऊतक बनने लगता है.
गर्भाशय का ये ऊतक विकसित होकर ठीक वैसा ही काम करता है जैसा कि गर्भाशय की लाइनिंग बनाने वाला ऊतक करता है.
स्त्री रोग विशेषज्ञ बताती हैं, ‘अगर किसी को एंडोमेट्रियोसिस है तो हमें उसमें कई लक्षण दिखते हैं. पीरियड्स के दौरान दर्द (Pain) होना, छह महीने से अधिक समय तक पेल्विक एरिया में दर्द होना, अनियमित रूप से ब्लड का आना, सूजन होना, लंबे समय तक थकान का बने रहना आदि इसके लक्षण हैं.’
एंटोमेट्रियोसिस के विकसित होने में सालों लगते हैं और इसे शुरुआती दिनों में स्पॉट कर पाना बेहद मुश्किल है. उन्होंने कहा, ‘गर्भाशय (‘Uterus) की लाइनिंग का निर्माण करने वाली कोशिकाओं में एंडोमेट्रियल टिश्यू को बनाने और बढ़ाने की प्रवृत्ति होती है. इससे ये बीमारी बढ़ती है और इसके चार स्टेज होते हैं. बीमारी का स्टेज अगर बढ़ता गया तो एंडोमेट्रियोसिस के कारण बांझपन और दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.’
वो कहती हैं कि जितनी जल्दी बीमारी का पता लगाया जाता है, उसका इलाज करना उतना ही आसान होता है. लेकिन परेशानी की बात ये है कि एंडोमेट्रियोसिस का पता लगाना बेहद मुश्किल है. रिसर्च बताते हैं कि एंडोमेट्रियोसिस का पता लगाने में लगभग सात से बारह साल लग जाते हैं.
टीनएज में पीडियड्स के दर्द को न करें नजरअंदाज
पीरियड्स में तेज दर्द की शिकायत कम उम्र की लड़कियों में अधिक होता है. फेमिनिन हाइजीन प्रोडक्ट्स ब्रांड ‘जेंटल डे’ के संस्थापक विल्मांटे मार्केविसीन कहते हैं, ‘किशोरियों में हार्मोन का उतार-चढ़ाव होता है इसलिए उन्हें पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द सहना पड़ता है. लेकिन सामान्य पीरियड्स के दर्द के कारण लड़कियों को स्कूल या अन्य कामों को नहीं छोड़ना चाहिए बल्कि दर्द कम करने के लिए पेनकिलर्स का इस्तेमाल करना चाहिए और अपने दैनिक काम जारी रखने चाहिए.’
उन्होंने कहा कि यदि कोई किसी टीनएजर को पीरियड्स के दौरान धड़कन तेज होना, जलन होना, बेहद तेज दर्द होना जैसी दिक्कतें आएं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण
जो लड़कियां एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित होती हैं, उनमें ये लक्षण नजर आते हैं-
– पीरियड्स के दौरान तेज दर्द के साथ ज्यादा ब्लड का गिरना और पीरियड्स का अनियमित होना.
– पेशाब के समय दर्द का होना
– हर समय थकान महसूस होना
– पीरियड्स के दौरान पेल्विक एरिया में तेज दर्द का होना
उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण भी अलग नजर आते हैं. अधिक उम्र की महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस होने पर सेक्स के दौरान दर्द का होना, प्रेग्नेंट न हो पाना जैसी परेशानियां आती हैं. लक्षणों के आधार पर लेप्रोस्कॉपी का इस्तेमाल कर एंडोमेट्रियोसिस का पता लगाया जाता है.
इन कारणों से भी हो सकता है पीरियड्स के दौरान दर्द
पीरियड्स के दौरान तेज दर्द का कारण और कई बीमारियां भी हो सकती हैं. Fibroids, Pelvic Inflammatroy Disease (PID) या Adenomyosis जैसी बीमारियां इसका कारण हो सकती हैं.
Fibroids में गर्भाशय का आकार बढ़ने लगता है. हालांकि, इससे कैंसर होने की संभावना ना के बराबर होती है. ये बीमारी अधिकतर 30-50 साल की उम्र की महिलाओं के बीच होती है और इसके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते हैं. 16 साल या इससे अधिक उम्र की लड़कियों में भी ये बीमारी देखने को मिलती है.
PID फीमेल रिप्रॉडक्टिव सिस्टम से फैलने वाली बीमारी है. सेक्स के जरिए इस बीमारी को फैलने से रोकने सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए. इस बीमारी के कारण महिलाओं में बांझपन की समस्या भी आ जाती है.
Adenomyosis में गर्भाशय की लाइन बनाने वाले ऊतक गर्भाशय की दीवारों के अंदर ही बढ़ने लगते हैं. इससे पीरियड्स के दौरान तेज दर्द होता है.
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