नई दिल्ली। देश का सबसे बड़ा यानी रोशनी का त्योहार दिवाली में बस चंद दिन ही बाकी है। दिवाली का त्योहार इस वर्ष 14 नवंबर को पड़ रहा है। दिवाली का पावन पर्व हर कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इसे खुशी और समृद्धि का त्योहार भी कहा जाता है। दिवाली पर उपहार देना पुरानी परंपरा है। लेकिन इस पावन त्योहार पर कभी ऐसे उपहार देने में आ जाते है, जिनका प्रभाव अशुभ पड़ता है।
न दे भुलकर भी ये उपहार
भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन को कुरुक्षेत्र के युद्ध में गीता का उपदेश देते हुए का चित्र न तो किसी को उपहार में किसी को देना चाहिए और न ही घर की दीवार पर लगना चाहिए।
न दे देवी देवाताओं के चीत्र
कई बार लोग दिवाली के समय एक दूसरे को देवी-देवताओं के चित्र को देते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान हमेशा रखना चाहिए कि ऐसे चित्र जिनमें देवता उग्र अवस्था में या युद्ध करते हुए दिखाई दें, उपहार में नहीं देना चाहिए।
ये ग्रंथ भी न दे
शास्त्रों में ऐसे उपहार जैसे रामायण, महाभारत ग्रंथ, जंगली जानवर, अकाल और सूर्यास्त की तस्वीरों को उपहार में ना ही किसी को देना चाहिए और ना ही लेना चाहिए।
मां लक्ष्मी की फोटो बैठा ही दे
दिवाली पर मां लक्ष्मी का इंतजार सभी करते हैं। ऐसे में अगर किसी को उपहार में मां लक्ष्मी की फोटो देनी हो तो हमेशा बैठी हुई मां लक्ष्मी की अवस्था का चित्र ही देना चाहिए। शास्त्रों में लक्ष्मीजी का घर में बैठना अथवा स्थिर अवस्था में ही शुभ माना जाता है।
न दे ये पौधे
उपहार में कभी भी कांटेदार पौधे जैसे कैक्टस या बोनसोई के पौधे नहीं देना चाहिए। यह लेने और देने वाले दोनों के लिए अशुभ होता है।
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