हिंदू धर्म में पूजा ( worship) पाठ का विशेष महत्व है। हम सभी लोग अपने दिन शुरआत पूजा करने के बाद करते हैं। सनातन धर्म में स्नान करने के बाद भगवान के आगे सिर झुकाना अनिवार्य माना गया है। पूजा ( worship) पाठ करना जितना जरूरी है उतना ही पूजा ( worship) पाठ के नियमों का पालन करना जरूरी माना गया है। आज इस लेख के माध्यम से आपको बतानें जा रहें हैं पूजा ( worship) के कूछ ऐसे नियम जो आपको अशुभ करने से बचाएंगे तो आइये जानतें हैं ।
भगवान के आगे कभी भी एक हाथ से प्रणाम नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही पूजा ( worship) के बाद घर के बड़ों का आशीर्वाद लेना चाहिए। कभी भी सोते हुए व्यक्ति के चरण को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
पूजा ( worship) करने के दौरान जप करने की मुद्र सही होनी चाहिए। जप करते समय जींभ को नहीं हिलाना चाहिए। जप करते समय दाएं हाथ को कपड़े से ढ़क कर जाप करना चाहिए। इससे आपके सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
शाम के समय में तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए। खासकर संक्रान्ति, द्वादशी, अमावस्या, पूर्णिमा और रविवार को तुलसी को छूना नहीं चाहिए। कभी भी दीपक से दीपक नहीं जलाना चाहिए। इसके अलावा यज्ञ, श्राद्ध में काले तिल का प्रयोग करना चाहिए।
शनिवार (Saturday) के दिन शनि ग्रह के दोष को दूर करने के लिए पीपल के पेड़ में जल चढ़ाना चाहिए। पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करनी चाहिए। महिलाएं कूमडा, नारियल और मतीरा को न तोड़े न ही चाकू से कांटे। भूलकर भी भोग के प्रसाद को लांघना नहीं चाहिए।
एकादशी, अमावस्या, पूर्णिमा और श्राद्ध के दिन दाढ़ी नहीं कटानी चाहिए। पूजा ( worship) पाठ करने से पहले जनेऊ जरूर पहनें। बिना जनेऊ पहनें पूजा ( worship) करने का कोई फल नहीं मिलता है।
पूजा ( worship) के दौरान घी का दीपक अपने बाएं तरफ प्रजवलित करें और देवताओं को दाएं तरफ रखें। साथ ही चावल के ऊपर दीपक प्रजवलित करना चाहिए।
मान्यता है कि कमल का फूल 5 रातों तक बासी नहीं होता है। उसी तरह तुलसी का पत्ता 10 रातों तक बासी नहीं होता है।
पूजा ( worship) करते समय अपना मुख पूर्व दिशा की तरफ रखें। अपनी दाएं तरफ जलपात्र, शंख और पूजन सामग्री रखें. वहीं, बाएं तरफ घंटी और धूप रखें ।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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