नई दिल्ली। वैसे तो एक साल में 4 नवरात्रि होती है लेकिन इनमें से 2 गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) होती है इसलिए इसके बारे में कम लोगों को ही जानकारी होती है। इसके अलावा चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) जिसे वासंतिक नवरात्रि भी कहते हैं और शारदीय नवरात्रि का महत्व सबसे अधिक होता है। चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है। इसी दिन से हिंदू नववर्ष और नवसंवत्सर (Nav Samvatsar)की भी शुरुआत मानी जाती है। इस साल चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल मंगलवार से शुरू हो रही है और इस दिन बेहद शुभ अश्विनी नक्षत्र रहने वाला है।
नवरात्रि के दौरान भूल से भी न करें ये गलतियां
नवरात्रि के नौ दिनों में (Nine days of navrtari) सभी लोग अलग-अलग तरह से मां की उपासना कर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। कोई नौ दिनों तक उपवास रखता है तो कोई रातभर माता का जागरण करता है तो कोई मंदिरों में मां का श्रृंगार करवाता है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में कुछ बातें ऐसी हैं जिनका विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इस दौरान की गई गलतियों (Avoid these mistakes) से माता रानी नाराज हो सकती हैं।
1. नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान आप व्रत रखें या न रखें लेकिन इन दिनों में घर में सात्विक भोजन (Satvik bhojan) ही बनना चाहिए। इस दौरान मांस-मदिरा के सेवन से तो हर हाल में दूर ही रहना है। साथ ही खाने में प्याज-लहसुन का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए।
2. इसके अलावा नवरात्रि के नौ दिनों में घर में जो भोजन बन रहा है कोशिश करें कि उसमें छौंक न लगाएं। ऐसी मान्यता है कि छौंक लगाने से तन और मन पर नकारात्मक असर होता है। खासकर अगर आप नवरात्रि का व्रत रख रहे हैं तब तो ऐसा बिल्कुल न करें।
3. साथ ही नवरात्रि के दौरान बाल, नाखून, दाढ़ी आदि भी नहीं बनाना चाहिए। आप नवरात्रि शुरू होने से पहले ही ये सारे काम करवा लें और फिर नौ दिनों के बाद ही ऐसा करें।
4. अगर नवरात्रि के दौरान घर में कलश स्थापना करते हैं, खेती करते हैं या फिर अखंड ज्योत जलाते हैं तो इन दिनों में घर को खाली छोड़कर न जाएं। कोई एक सदस्य हमेशा घर पर होना चाहिए। ऐसा न करने से माता रानी नाराज हो जाती हैं।
5. नवरात्रि में माता को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए अगर दुर्गा चालीसा, मंत्र या सप्तशती का पाठ कर रहे हों तो बीच में दूसरी बात बोलने या उठने की गलती ना करें। इससे पाठ का फल आपको नहीं मिलता।
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