नई दिल्ली। मलेरिया (Malaria) एक संक्रामक रोग (infectious disease) है जो एनोफिलीन मच्छरों द्वारा फैलता है. मलेरिया से पीड़ित रोगियों (suffering patients) के ब्लड प्लेटलेट्स (blood platelets) काफी कम हो जाते हैं जिससे कमजोरी, बुखार और मांसपेशियों (Muscles) में ऐंठन होती है. समय पर इलाज न मिलने पर यह रोग जानलेवा भी हो सकता है. जिन देशों में बारिश (rain) काफी ज्यादा होती है वहीं मलेरिया (Malaria) होना काफी आम है. मेयो क्लिनिक के मुताबिक, हर साल लगभग 290 मिलियन लोग मलेरिया से संक्रमित होते हैं, और 400,000 से अधिक लोग इस बीमारी से मर जाते है. ऐसे में आइए जानते हैं क्या है मलेरिया के लक्षण (symptoms of malaria) और किस तरह की डाइट से इससे रिकवर हुआ जा सकता है.
मलेरिया के लक्षण
मलेरिया के लक्षणों में बुखार(fever) , ठंड लगना, असहजता का एहसास, सिरदर्द, मितली और उल्टी, डायरिया, पेट में दर्द, मसल्स और ज्वॉइंट्स में दर्द, थकान, सांसे तेज चलना, हार्ट रेट का बढ़ना और कफ शामिल है.
मलेरिया होने पर क्या खाएं और क्या नहीं?
वैसे तो मलेरिया के लिए कोई फिक्स डाइट(fix diet) नहीं है लेकिन डाइट में कुछ पोषक तत्वों को शामिल करके आप अपने शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ा सकते हैं ताकि बीमारियों से आसानी से लड़ा जा सके. मलेरिया की डाइट कुछ इस तरह की होनी चाहिए जिससे आपका इम्यूनिटी सिस्टम(immunity system) मजबूत हो और शरीर के बाकी अंगों जैसे किडनी, लिवर और डाइजेस्टिव सिस्टम को कोई नुकसान ना पहुंचे. तो आइए जानते हैं मलेरिया के मरीज की डाइट में किन चीजों को शामिल करना चाहिए-
पौष्टिक भोजन करें-
जब किसी व्यक्ति को मलेरिया होता है तो शरीर को कैलोरी और पौष्टिक चीजों की जरूरत काफी ज्यादा होती है. ऐसे में इस दौरान मरीज को हाई कैलोरी डाइट का सेवन करना चाहिए. आप इस दौरान चावल की बजाय गेहूं और बाजरा का सेवन कर सकते हैं. चावल आसानी से डाइजेस्ट हो जाता है जिससे एनर्जी काफी तेजी से रिलीज होती है. मलेरिया के मरीजों के लिए फ्रेश फ्रूट्स और सब्जियां काफी फायदेमंद साबित हो सकती है. कुछ स्टडीज के मुताबिक, विटामिन A और विटामिन C से भरपूर फल और सब्जियां जैसे चुकंदर, गाजर, पपीता, स्वीट लाइम, अंगूर, बेरीज, संतरा जैसी चीजें मलेरिया के मरीजों की इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद करती हैं.
सीड्स और नट्स का करें सेवन-
जब आपको मलेरिया होता है तो आपको अपनी डाइट में ज्यादा फाइटोन्यूट्रिएंट्स को शामिल करने की आवश्यकता होती है जो संक्रमण के कारण होने वाले एंटीऑक्सीडेंट स्ट्रेस से निपटने में मदद करते हैं. नट और बीज फाइटोन्यूट्रिएंट्स के साथ-साथ हेल्दी फैट और प्रोटीन के पावरहाउस हैं. ऐसे में सीड्स और नट्स एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकते हैं.
फ्लूइड इंटेक बढ़ाएं-
बुखार आने पर अक्सर लोगों की भूख खत्म हो जाती है. इस दौरान खाना खाना काफी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में इस स्थिति से निपटने के लिए जरूरी है कि आप ग्लूकोज वाला पानी, फ्रेश फ्रूट जूस या कोकोनट वॉटर का सेवन करें. पानी का सेवन करते समय ध्यान रखें कि वह साफ हो. आप फ्लूइड का इंटेक किसी भी तरीके से कर सकते हैं जैसे फ्रूट, सब्जियों, राइस वॉटर, दाल के पानी के रूप में. डॉक्टर का कहना है कि मलेरिया होने पर आपको दिन में कम से कम 3 से 3.5 लीटर फ्लूइड जरूर लेना चाहिए. मलेरिया होने पर अजवाइन का पानी भी आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. यह आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को हेल्दी रखने में मदद करता है.
प्रोटीन इंटेक बढ़ाएं-
मलेरिया होने पर टिशू काफी तेजी से कम होते हैं ऐसे में प्रोटीन का इंटेक बढ़ाने की काफी जरूरत होती है. ऐसे में हाई कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन युक्त डाइट काफी फायदेमंद साबित हो सकती है. इस दौरान दही, लस्सी और छाछ का सेवन करना काफी हेल्दी माना जाता है.
टुकड़ों में करें फैट का सेवन-
शरीर के लिए फैट काफी जरूर होता है. लेकिन इसे एक बार में खाने की बजाय टुकड़ों में खाना चाहिए. डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे क्रीम, बटर और दूध के मिलने वाला फैट डाइजेशन के लिए काफी अच्छा माना जाता है. इन फूड्स में मीडियम चेंज ट्राइग्लिसराइड्स (MCT) होता है. बहुत अधिक फैट का सेवन करने से अपच, मतली और लूज मोशन का खतरा बढ़ सकता है.
मलेरिया होने पर आप ओमेगा 3 फैट जैसे फिश, फश ऑयल सप्लीमेंट्स, अलसी के बीज, चीया सीड्स और अखरोट का सेवन कर सकते हैं. यह बॉडी में होने वाली सूजन और जलन को कम करने में मदद करते हैं.
इन चीजों का ना करें सेवन
मलेरिया होने पर हाई फाइबर फूड्स जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, मोटे छिलके वाले फ्रूट्स, और साबुत अनाज का सेवन करने से बचें. इसके अलावा फ्राइड, मैदा और बहुत ज्यादा मीठी चीजों का सेवन करने से भी बचें. इस दौरान बहुत ज्यादा गर्म और मसालेदार खाना ना खाएं क्योंकि इससे आपके पेट में दिक्कत हो सकती है.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं. इन्हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
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