img-fluid

गुड फ्राइडे के दिन भी भूलकर भी न करें ये काम, जानिए इसे क्‍यों कहते हैं ब्लैक फ्राइडे?

April 04, 2023

नई दिल्ली (New Delhi)। गुड फ्राइडे (Good Friday) 7 अप्रैल 2023 को मनाया जाएगा. ईसाइ धर्म के लोग प्रभू यीशू की याद में ये पर्व मनाते हैं. इस पर्व को प्रभु यीशु के बलिदान के तौर पर भी याद किया जाता है. इसे शोक और कुर्बानी दिवस के रूप में मनाया जाता है. हर साल क्रिश्चियन समुदाय का मुख्य त्योहार गुड फ्राइडे, ईस्टर संडे से पहले आने वाले शुक्रवार को को आता है. इस दिन चर्च में विशेष प्रार्थन सभाएं होती है, बाईबल के उपदेश पढ़े जाते हैं. इस दिन कुछ ऐसे काम भी हैं जो नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं गुड फ्राइडे क्यों मनाया जाता है और इस दिन क्या करें और क्या न करें.


गुड फ्राइडे क्यों मनाते हैं ? (Whe we celebratre Good Friday)
गुड फ्राइडे को होली डे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है. बाईबल के अनुसार मानव जाति के कल्याण के लिए इस दिन ईसासियों के प्रभू और प्रेम, ज्ञान और अहिंसा का संदेश देने वाले ईसा मसीह ने हंसते-हंसते बलिदान दे दिया था. यहूदी शासकों ने ईसा मसीह को तमाम शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी और फिर सूली पर चढ़ा दिया, उस दिन शुक्रवार था. इसलिए इस शुक्रवार को ईसाई धर्म के लोग ‘गुड फ्राइडे’ के रूप में मनाते हैं. कहते हैं प्रभू यीशू को जिस जगह क्रॉस पर चढ़ाया गया था, उसका नाम गोलगोथा है. मान्यता है कि सूली पर चढ़ाने के तीन दिन बाद ईसा मसीह पुन: जीवत हो गए थे, उस दिन रविवार था. ऐसे में पूरी दुनिया में उसे ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है.

कैसे मनाते हैं गुड फ्राइडे ?
गुड फ्राइडे से 40 दिन पहले ही तैयारियां शुरू हो जाती है. ईसाई धर्म के लोग 40 दिन तक उपवास रखते हैं वहीं कुछ लोग सिर्फ शुक्रवार को उपवास रखते हैं, इसे लेंट कहा जाता है. गुड फ्राइडे के दिन ईसाई धर्म के अनुयायी चर्च और घरों में सजावट की वस्तुएं कपड़े से ढक देते हैं. चर्च में काले कपड़े पहनकर शोक जताया जाता है, प्रभू यीशु से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं. ईसा मसीह के अंतिम सात वाक्यों की विशेष व्याख्या की जाती है.

गुड फाइडे के दिन न करें ये काम (Good Friday Rules)
ईसाई धर्म के त्योहार में घंटियों का विशेष महत्व है, ये खुशी के अवसर पर घंटी बजाकर त्योहार मनाते हैं लेकिन चूँकि गुड फ्राइडे प्रशू यीशु के बलिदान दिवस के तौर पर याद किया जाता है. ये प्रायश्चित्त और प्रार्थना का दिन है इसलिए इस दिन चर्च में घंटियां नहीं बजाई जातीं.

Share:

चारधाम तीर्थयात्रियों के लिए कोविड गाइडलाइन अनिवार्य, बढ़ते संक्रमण को लेकर सचेत हुई धामी सरकार

Tue Apr 4 , 2023
देहरादून (Dehradun) । चार धाम यात्रा-2023 (Char Dham Yatra 2023) पर यूपी, एमपी सहित देश-विदेश से जानेवाले तीर्थ यात्रियों के लिए बड़ा अपडेट आया है। बदरीनाथ-केदारनाथ (Badrinath-Kedarnath) सहित चार धाम पंजीकरण करा चुके तीर्थ यात्रियों ने अगर यह काम नहीं कियो तो उन्हें चारों धामों में दर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। देशभर में […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
गुरुवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved