नई दिल्ली। हिंदू धर्म (Hindu Religion) में सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता (Devi-Devta) से संबंधित माने जाते हैं. जिस तरह सोमवार शिवजी(Shivji), मंगलवार हनुमान जी (Hanuman Ji) और बुधवार भगवान गणेश (Bhagwan Ganesh) का वार माना जाता है. उसी तरह शनिवार का दिन सबसे जल्दी क्रोधित होने वाले देवता शनिदेव (Shani Dev) का विशेष दिन माना जाता है. मान्यता है कि शनिवार (Shanivar) को शनिदेव (Shani Dev) की पूजा अर्चना करने से शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसा देते हैं. शनिदेव (Shani Dev) के प्रकोप से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं. विधि-विधान से शनिदेव (Shani Dev) की पूजा की जाती है, जिससे उनकी कुदृष्टि न पड़ सके. हालांकि कई बार अनजाने में ही लोग कुछ ऐसा काम कर जाते हैं जिससे कि शनिदेव नाराज हो जाते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिदेव (Shani Dev) को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से उनकी पूजा अर्चना करने के साथ ही शनिवार के दिन कुछ ऐसी चीजें हैं जिनकी खरीदारी से बचना चाहिए. अगर उन चीजों की खरीदारी कर ली जाती है तो इससे शनिदेव (Shani Dev) के क्रोधित होने की आशंका बढ़ जाती है. शनिदेव (Shani Dev) को न्याय का देवता भी कहा जाता है. मान्यतानुसार शनिदेव अपने भक्तों और अच्छे कर्म करने वाले लोगों को समस्त तकलीफों से बचाएं रखते हैं और उनके दुख-दर्द को हमेशा दूर करते हैं. वहीं, बुरे कर्म करने वाले लोगों और शनिदेव को नाराज करने वाले लोगों को वे कड़ा दंड देते हैं. जिन्हें शनिदेव का आशीर्वाद मिल जाता है वे जीवन में सदा खुश रहते हैं. वहीं शनिदेव जिस पर अपनी दृष्टि डाल देते है उसका जीवन परेशानियों के बीच गुजरता है. शनिवार के दिन शनिदेव की विधि-विधान से पूजा करने पर शनिदेव प्रसन्न होते हैं, लेकिन ये भी ध्यान रखें कि शनिवार को ऐसी कोई भी चीज नहीं खरीदना है जिससे शनिदेव नाराज हो जाएं. शनिवार के दिन लोहा या लोहे से बनी किसी चीज की खरीदारी नहीं करना चाहिए, इससे शनिदेव अप्रसन्न होते हैं. ये बात तो हम सभी जानते हैं. लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि शनिवार के दिन सरसों का तेल, काले रंग की कोई भी चीज़, काला तिल, नमक और झाड़ू को भी नहीं खरीदना चाहिए. आप अगर ऐसा करते हैं तो शनिदेव आपसे रुष्ट हो सकते हैं. कहते हैं कि शनिवार को कैंची खरीदना तो दूर उसका इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए. शनिवार को अगर खरीदने के नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो संबंधित के जीवन में कई विपत्तियां आ सकती हैं. घर में दुख-तकलीफ आने के साथ ही दरिद्रता, शारीरिक कष्ट, आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. अग्निबाण इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)