ऐसी भी योजना है शासन… हर जोड़े को मिले 50 हजार से लेकर 2 लाख तक….
इंदौर, प्रियंका जैन देशपांडे। जात पात (caste) को भूल एक हुए जोड़ों (couples) को प्रशासन इस साल जनवरी से अब तक 1 करोड़ 88 लाख का लाभ दिलाया है। पिछले तीन वर्षों का आंकड़ा 5 करोड़ के भी पार कर गया है। अनुसूचित जनजाति (scheduled tribe), सामान्य (General), ओबीसी (OBC) जैसे मानकों से ऊपर उठकर इन जोड़ों ने जब एक होने की ठानी तो विभाग भी हर साल इन्हें लाभ दिला रहा है विशेष विवाह अधिनियम 1954 और हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 की धाराओं के तहत अंतरजातीय विवाह ( inter-caste marriage) करने वालों को अब तक सिर्फ इंदौर जिले में ही 5 करोड़ के पार की राशि का लाभ दिलाया जा चुका है। आर्य समाज मंदिर में विवाह, रजिस्टर मैरिज करने के बाद एक साल के अंदर अंदर जो भी आवेदन प्राप्त हुए, उनका सरकार के त्वरित निराकरण करते हुए 50 हजार से 2लाख रुपए तक की प्रोत्साहन राशि मुहैया कराई गई है।
कोरोना के चलते दो साल कम पहुंचे आवेदन
यदि तीन साल के आंकड़ों को सिलसिलेवार देखा जाए तो 2019 में 105 आवेदनों का निराकरण हुआ, वहीं 2020 में 58 आवेदन प्राप्त हुए। 2021 में कोरोना के चलते आवेदनों की संख्या बहुत कम हुई, वहीं 2022 में यह आंकड़ा फिर 94 मामलों तक पहुंच गया है। इस माह की 15 तारीख तक विभाग ने 1 करोड़ 88 लाख तक के आवेदनों का निराकरण कर दिया है।
एक साल के अंदर करना होगा आवेदन
विशेष विवाह अधिनियम के अनुसार एक पक्ष अनुसूचित जनजाति व दूसरे पक्ष के सामान्य कोटे के होने की सूरत में सरकार के नियमों के अनुसार लाभ दिलाया जाता है, लेकिन यदि विवाहित जोड़े एक साल के अंदर अंदर प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन नहीं देते हैं तो उन्हें इस योजना से वंचित रह जाना पड़ता है। हालांकि कई मामलों में समाज के डर से जोड़े सामने ही नहीं आते हैं।
भटका रहे अधिकारी
कलेक्ट्रट कार्यालय में होशंगाबाद जिले से पहुंचे कांस्टेबल प्रदीप मालवीय को जिले के अधिकारी वधु पक्ष का इंदौर होने का हवाला देकर टरका रहे हैं, जिसके चलते पिछले 9 महीने से जोड़े को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा। कलेक्टर कार्यालय में पूछताछ के लिए पहुंचे प्रदीप ने बताया कि होशांगबाद के संबंधित विभाग के अधिकारियों को नियमों की जानकारी ही नहीं है। अब उसे आवेदन करने के लिए सिर्फ तीन महीने का समय बचा है। यदि प्रकरण का निराकरण नहीं हुआ तो वह भी योजना से वंचित रह जाएगा।
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