चेन्नई। तमिलनाडु के नगर प्रशासन मंत्री और डीएमके नेता केएन नेहरू ने बिहार के लोगों पर नस्लीय टिप्पणी की। माना जा रहा है कि उनका यह बयान बड़ा विवाद खड़ा कर सकता है। बताया जा रहा है कि मंत्री ने बिहार के लोगों को तमिलों से कम होशियार बताया। साथ ही, आरोप लगाया कि बिहार के लोग तमिलनाडु में आकर स्थानीय निवासियों की नौकरियां छीन रहे हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले पेगासस कथित जासूसी कांड को लेकर बनी संसदीय समिति में शामिल भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर उन्हें ‘बिहारी गुंडा’ कहने का आरोप लगाया था। इस मामले में विवाद अब तक शांत नहीं हुआ है।
डीएमके नेता ने दिया यह बयान
जानकारी के मुताबिक, केएन नेहरू ने यह बयान 25 जुलाई को दिया। उस वक्त वह तिरुचिरापल्ली स्थित डीएमके कार्यालय से एक रोजगार कैंप को संबोधित कर रहे थे। करीब एक सप्ताह तक चलने वाला यह कार्यक्रम 23 जुलाई को शुरू हुआ था, जिसमें केएन नेहरू 25 जुलाई को शामिल हुए थे। अपने भाषण के दौरान केएन नेहरू ने कहा कि बिहार और उत्तर भारत के लोग तमिलनाडु में तमिलों की नौकरियां छीन रहे थे। वे बिना तमिल और अंग्रेजी जाने स्थानीय बैंकों और अन्य स्थानों पर काम कर रहे हैं। डीएमके नेता ने अपने भाषण में कहा कि बिहार के लोग तमिलों से कम समझदार होते हैं।
लालू प्रसाद यादव का भी दिया हवाला
केएन नेहरू ने अपने भाषण के दौरान राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे तो उन्होंने रेलवे में निचले स्तर के पदों पर बिहार के लोग भर दिए थे। मंत्री ने कहा कि बिहार के करीब चार हजार लोग इस वक्त त्रिची स्थित दक्षिण रेलवे के गोल्डन रॉक वर्कशॉप में काम कर रहे हैं। रेलवे में सबसे ज्यादा गेटकीपर बिहार के हैं। यह सब लालू प्रसाद यादव की वजह से है। जब वह रेल मंत्री थे तो उन्होंने बिहार के अपने सभी साथियों को रेलवे की परीक्षाओं में पास करा दिया और उन्हें नौकरियां दिला दीं। ये लोग न तो तमिल जानते हैं और न ही हिंदी। इनके पास तो तमिलों की तरह दिमाग भी नहीं है। इसके बावजूद वे तमिलनाडु में काम कर रहे हैं।
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