कानपुर (Kanpur)। उत्तरप्रदेश का कानपुर (Kanpur UP) किसी न किसी चीज को लेकर मीडिया सुर्खियों में बना रहता है। अब भोगनीपुर तहसील के धौकलपुर गांव (Dhaukalpur Village) की 77 वर्षीय महिला सोमवार को हस्तलिखित पत्र लेकर डीएम के घर पहुंची। जब डीएम (DM) ने महिला से इसका विरोध किया तो बुजुर्ग ने पत्र पकड़ लिया, जिसे पढ़कर डीएम (DM) तुरंत कुर्सी छोड़कर वृद्ध के पास पहुंचे और उन्हें गले से लगा लिया। यह देख वहां मौजूद अन्य अधिकारी व फरियादी हैरान रह गए।
जानकारी के लिए बता दें कि बेटे-बहू से परेशान 77 वर्षीय कुसुम सिंह ने डीएम नेहा जैन से मदद की गुहार लगाई। उन्होंने नोटबुक के पन्ने पर अपनी लिखावट में पत्र लिखा। पत्र आम लोगों की तरह अधिकारियों को संबोधित नहीं था। महिला ने इसे भावनात्मक रूप से जोड़ते हुए डियर डीएम बिटिया से शुरुआत की। पत्र के अंत में महिला ने शुभकामनाओं के साथ आपकी दादी को लिखा। यह सब पढ़कर डीएम भावुक हो गए और तुरंत कुर्सी छोड़ उन्हें गले से लगा लिया। उनकी समस्याएं सुनीं।
कुसुम सिंह ने डीएम नेहा जैन को बताया कि वर्ष 1981 में पति छविनाथ सिंह की कैंसर से मौत हो गई थी। वह कोलकाता में काम करता था। उनकी मृत्यु के बाद जमीन उनके बेटे के नाम हो गई। बेटे ने मां की देखभाल करना बंद कर दिया। यहां तक कि खाना-पानी देना भी बंद कर दिया। बुढ़िया अब एक-एक रुपये पर निर्भर है। बुढ़िया को पता चला कि डीएम महिला की बात को बड़ी गंभीरता से सुनते हैं और समस्या का समाधान करते हैं। इसी उम्मीद में वह पत्र में अपना दर्द लिखकर डीएम के पास पहुंची।
महिला की बात सुनकर डीएम ने एसडीएम भोगनीपुर महेंद्र कुमार को फोन कर कहा, मैं माता जी को सरकारी वाहन से तहसील भेज रहा हूं. उनकी समस्या का समाधान कराएं। इसके बाद वृद्धा को सरकारी वाहन से एसडीएम के पास भेजा गया। महिला ने लेखपाल हरिराम पर आरोप लगाया कि गिरदौन गांव में उसकी कुछ जमीन है, जिसे वह उसके नाम से दर्ज नहीं करा रहा है। यदि वह जमीन उसके नाम आती है तो उसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिलेगा।
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