नई दिल्ली। क्रिकेट (Cricket) में आज भी बारिश के बाद मैच का परिणाम निकलने के लिए डकवर्थ-लुईस-स्टर्न पद्धति (Duckworth-Lewis-Stern method) का प्रयोग किया जाता है। इसी बीच इस नियम को बनाने वालों में से एक फ्रैंक डकवर्थ (Frank Duckworth ) का निधन हो गया है। वो 84 साल के थे। उन्होंने अपनी साथी टोनी लुईस के साथ मिलकर बारिश या अन्य कारकों से बाधित सीमित ओवरों के मैचों में निष्पक्ष परिणाम निकालने के लिए इस नियम को तैयार किया था।
इंटरनेशनल क्रिकेट में यह नियम 1997 में लागू हुआ था। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) द्वारा 2001 में इस नियम को आधिकारिक रूप से अपनाया गया था। यह नियम पहली बार 1997 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में लागू हुआ था और इसे 2001 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) द्वारा आधिकारिक रूप से अपनाया गया था। टी20 विश्व कप 2024 के सुपर 8 मैच में अफगानिस्तान का सामना बांग्लादेश से हुआ था।
इस मैच में भी बारिश ने दखल दिया था। जिसके बाद डकवर्थ-लुईस नियमों का प्रयोग किया गया था। इस नियम में जटिल सांख्यिकीय विश्लेषण के आधार पर टीम को एक निर्धारित लक्ष्य दिया था। इस लक्ष्य को निर्धारित करने में शेष विकेट और बचे हुए ओवर की भी गिनती की जाती है। 2014 में डकवर्थ और लुईस रिटायर हो गए थे। इसके बाद इस नियम का नाम बदल कर डीएलएस कर दिया गया था।
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