नई दिल्ली (New Delhi)। दिल्ली भाजपा (Delhi BJP)ने दिल्ली जलबोर्ड (Delhi Water Board)में घोटाले का आरोप (scam allegation)लगाते हुए सीबीआई जांच (CBI investigation)की मांग (Demand)की है। सोमवार को दिल्ली भाजपा प्रदेश कार्यालय पर पार्टी के विधायकों और प्रदेश अध्यक्ष ने संयुक्त प्रेसवार्ता आयोजित की, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि जल बोर्ड में शराब से भी बड़ा घोटाला हुआ है। दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया है कि बीते नौ वर्षों में 28,400 करोड़ रुपए बेहिसाब हैं, जिनका कोई हिसाब नहीं है। इसलिए जल बोर्ड के मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए।
सचदेवा ने आरोप लगाया कि जल बोर्ड 73,000 करोड़ रुपये के कर्जों में डूबा है। उसकी पूर्ति के लिए दिल्ली की जनता पर भार बढ़ाने का प्लान तैयार किया गया है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी कहती हैं कि उन्हें पैसा नहीं दिया जा रहा है, जबकि दूसरी तरफ साल 2016-17 से अभी तक जल बोर्ड के खाते का ऑडिट ही नहीं किया गया है। उन्हें इतना समझना चाहिए कि ऑडिट के बिना असीमित समय तक किसी भी सरकारी विभाग को पैसा देना गैर कानूनी है। नौ मार्च को मंत्री की ओर से लिखे गए पत्र में कई बातों का खुलासा हुआ है। पत्र से जानकारी मिली है कि 59 फीसदी पानी से कोई रेवेन्यू नहीं आता। इसके अतिरिक्त 15 फीसदी पानी के उपयोग पर कोई पारदर्शिता नहीं है। आज दिल्ली जल बोर्ड में 74 फीसदी पानी का कोई हिसाब नहीं हो रहा।
विधायकों ने घोटाले का आरोप लगाया
दिल्ली विधानसभा में सोमवार को सत्र के शुरू होते ही हंगामा होने लगा। भाजपा विधायकों की ओर से जल बोर्ड में घोटाले का आरोप लगाते हुए इस पर चर्चा कराए जाने की मांग की जाने लगी। इस बीच नारेबाजी और हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने सभी भाजपा विधायकों को सदन से बाहर कर दिया। सत्र के शुरू होते ही भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने अपने क्षेत्र करावल नगर की समस्याएं रखीं। इसके तुरंत बाद भाजपा विधायकों की ओर से जल बोर्ड मामले पर चर्चा कराने की मांग की गई।
आम आदमी पार्टी ने नया शिगूफा बताया
आम आदमी पार्टी ने जलबोर्ड में घोटाले के आरोप को लेकर भाजपा निशाना साधा है। आप ने कहा कि भाजपा वाले समझ गए हैं कि दिल्ली की जनता ये जान गई है कि अरविंद केजरीवाल को राजनीतिक कारणों की वजह से फंसाया गया है। दिल्ली में कोई शराब घोटाला हुआ ही नहीं है, इसलिए दो साल की लंबी जांच और 500 रेड के बाद भी कुछ नहीं मिला। अब भाजपा ने दिल्ली जल बोर्ड घोटाला का एक नया शिगूफा छोड़ा है।
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