नागदा। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार साउंड सिस्टम संचालन के सीएम के फरमान के बाद पुलिस ने सख्ती बरतना शुरू कर दी हैं। सीएम के दो बड़े आदेश मटन शॉप व तेज आवाज में साउंड सिस्टम प्रतिबंध के आदेश पर प्रशासन अभी धार्मिक स्थलों से तेज आवाज वाले ध्वनी विस्तारक यंत्र निकलवा रहा है।
डीजे संचालकों की बैठक नहीं ली गई जिससे उनके सामने यह असमंजस बना हुआ है कि शासन के इस आदेश से उनका धंधा चौपट हो जाएगा। इसीलिए रविवार को नगर के समस्त डीजे संचालक सीएसपी ब्रजेशकुमार श्रीवास्तव, विधायक डॉ. तेजबहादुरसिंह चौहान, पूर्व विधायक दिलीपसिंह गुर्जर से मिले। डीजे संचालकों ने तीनों को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद मंडी थाने पर ताबड़तोड़ डीजे संचालकों की बैठक बुलाकर उन्हें गाइडलाइन से अवगत कराया गया। इस दौरान करीब 60 से अधिक डीजे संचालक मौजूद रहे। मंडी थाने में आहुत की गई इस दौरान में टीआई नलिन बुधौलिया ने मोडिफाइड वाहनों पर डीजे के संचालन को ट्रैफिक नियमों के विरुद्ध बताया। उन्होंने कहा वर्तमान में गृहमंत्रालय द्वारा एडवाइजरी जारी की गई हैं। जिसका पालन डीजे संचालकों के साथ बैंड संचालकों को भी करना होगा। नियम नहीं मानने वाले पर कार्रवाई की जाएगी। तेज साउंड और बैस के चक्कर में जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ पहले 5 किलो वॉट के जनरेटर से डीजे का संचालन किया जाता था, लेकिन वर्तमान में तेज बैस और साउंड के चक्कर में 125 केएनओपी के जनरेटर से डीजे चलाएं जाते हैं जिससे अत्यधिक प्रेशर और वाइब्रेशन होता हैं जो जनस्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। टीआई ने यह भी स्पष्ट किया कि रात 10 से सुबह 6 बजे तक डीजे का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। बैठक में अध्यक्ष श्यामलाल चौधरी, शराफत अली, मोहन डाबी, जेपी पटेल, उमेश शर्मा, राकेश डेलगर, रामगोपाल चौहान, संतोष राठौड़, अशोक, अुर्जन परिहार आदि मौजूद रहे।
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