नई दिल्ली. दीपों का त्योहार दिवाली (Diwali) 31 अक्टूबर यानी कल मनाया जाएगा. कहते हैं कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश (Goddess Lakshmi and Lord Ganesha) की उपासना करने से घर में धन दौलत की बरसात होती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम (lord sri ram) 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे और नगरवासियों ने इन खुशी में दीप प्रज्जवलित किए थे. कहते हैं कि तभी से दिवाली मनाने की परंपरा शुरू हुई है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि (Amavasya Date) को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है.
दिवाली का मुहूर्त
इस बार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर यानी कल दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर होगा.
दिवाली लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त
दिवाली का पूजन प्रदोष काल में किया जाता है इसलिए इस दिन प्रदोष काल का समय शाम 31 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 36 से रात 8 बजकर 11 मिनट तक रहेगा. वहीं, वृषभ लग्न (स्थिर लग्न) का समय शाम 6 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा.
पूजन का दूसरा मुहूर्त
महानिशीथ काल का पूजन मुहूर्त- 31 अक्टूबर क रात 11 बजकर 39 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 30 मिनट तक होगा
दिवाली शुभ योग
दिवाली इस बार बहुत ही खास मानी जा रही है क्योंकि 40 साल इस दिन शुक्र-गुरु की युति से समसप्तक योग का निर्माण हो रहा है. साथ ही शनि अपनी ही स्वराशि कुंभ में विराजमान रहकर शश राजयोग का निर्माण कर रहे हैं.
दिवाली पूजन विधि
दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन किया जाता है. इस दिन शाम को पूजन के लिए एक चौकी तैयार करें और उसके बाद चौकी पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा रखें. प्रतिमाएं तैयार करने के बाद उनके आगे एक दीपक जलाएं. दीपक जलाने के बाद मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का संकल्प लें. उसके बाद मूर्तियों के आगे जल भरा एक कलश रखें. फिर मां लक्ष्मी और श्री गणेश के को फल, फूल, मिठाई, कलावा, रोली आदि चीजें अर्पित करें. उसके बाद मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती करें.
दिवाली उपाय
दिवाली की रात को मां लक्ष्मी को गुलाब का एक फूल और कुछ सिक्के अर्पित करें. अगले दिन सुबह सारे सिक्कों को किसी निर्धन को दान कर दें.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved