इंदौर। दिवाली [Diwali] का त्योहार रेखा [Rekha] और अनिल [Anil] के लिए ढेरों खुशियां लेकर आया। रेखा को शुभलक्ष्मी (बेटी) और अनिल को संगिनी (पत्नी) जो मिल गई थी। अनिल के लिए तो यह दोहरी खुशी का मौका था, उससे बिछड़ी पत्नी रेखा ने बेटी को जन्म दिया था। दरअसल, रेखा का मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है, वह गर्भवती थी और तीन माह पहले उस समय बिछड़ गई, जब अनिल इलाज के लिए उसे गांव से इंदौर [Indore] लेकर आया था।
संस्था प्रवेश को नेहरू स्टेडियम [Nehru Stadium] के सर्विस रोड पर रेखा बेसुध हालत में मिली थी। उसका अरविंदो अस्पताल [Aurobindo Hospital] में इलाज कराया और ख्याल रखा गया। मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण संस्था प्रवेश की टीम की निधि गौर [Nidhi Gaur] ने रेखा की लगातार रेखा की काउंसलिंग की। रेखा ने पति का नाम अनिल बताया, जो फुलाखाल थाना क्षेत्र का निवासी का था। इसी बीच रेखा ने बेटी को जन्म दिया, जिसका नाम शुभलक्ष्मी रखा गया।
– ऐसे मिले
फुलाखाल थाने में रेखा की जानकारी दी गई, ताकि उसका पति कभी ढूंढते हुए थाने पहुंचे तो संपर्क हो सके। सभी का प्रयास रंग लाया और पत्नी का पता लगाने अनिल फुलाखाल थाने पहुंचा, जहां से संयोगितागंज थाने में संपर्क करके उसे इंदौर भेजा गसर। अनिल जब केंद्र पर पहुंचा तो अपनी पत्नी और बच्ची को देखकर बेहद खुश हुआ, वह तीन महीने से उन्हें ढूंढने के लिए दर-दर भटक रहा था।
– ऐसे बिछड़े
अनिल ने बताया कि वह पत्नी को गर्भावस्था के दौरान इलाज कराने इंदौर लाया था और जब वह भोजन लेने गया तो मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण वह कही चली गई और वह उसे ढूंढता रहा। उसके पास ना मोबाइल और ना ही रेखा का फोटो था, जिससे उसे किसी भी थाने से सहयोग नहीं मिल सका था। संस्था प्रवेश की टीम ने मां-बेटी को ढेर सारे उपहार देकर उन्हें उनके गांव भेजा। संयोगितागंज थाने की सब इंस्पेक्टर शिल्पा पाटीदार और एएसआई सुरेंद्र चौधरी का भी विशेष सहयोग रहा।
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