नई दिल्ली: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह की अमावस्या (Amavasya of Kartik month) को दिवाली का पावन पर्व मनाया जाता है और इस बार ये शुभ तिथि 12 नवंबर को है. इस दिन (Diwali 2023) धन की देवी मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) और सुख-समृद्धि दाता गणेश जी की पूजा की जाती है. इस दिन मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा (Worship according to rituals) करने से भक्त के जीवन में चल रही सभी आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और मां लक्ष्मी का शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता है.
इसके अलावा धनतेरस और दिवाली के दिन खरीदारी की जाती है. वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल धनतेरस 10 नवंबर को (Diwali Auspicious Yoga) है. इसके अलावा इस बार दिवाली से पहले यानी 4 और 5 नवंबर को कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं और ऐसा माना जा रहा है कि ऐसा संयोग करीब 400 सालों के बाद बन रहा है. इससे कई ऱाशियों को भी लाभ होगा. आइए जानते हैं इसके बारे में..
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार दिवाली से पहले 4 नवंबर शनिवार को सुबह 8 बजे से पुष्य नक्षत्र लग रहा है, जो अगले दिन 5 नवंबर को सुबह 10 बजे तक समाप्त होगा. साथ ही इस दौरान शनि पुष्य और रवि पुष्य नक्षत्र लगेगा. ऐसे में इन दोनों ही महामुहूर्त में शुभ काम करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
इसके अलावा 4 नवंबर 2023 दिन शनिवार को पुष्य नक्षत्र के साथ गजकेसरी योग भी बन रहा है. बता दें कि पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि भी अपनी स्वराशि में मौजूद है और इसके साथ ही शश योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन शंख, लक्ष्मी, शश, हर्ष, सरल, साध्य, मित्र योग का निर्माण भी हो रहा है.
इस समय शनि देव अपनी स्वराशि कुंभ में और देवताओं के गुरु बृहस्पति मेष राशि में विराजमान है और इन दोनों की स्थिति मंगलकारी योग बना रहे हैं. बता दें कि इस योग को काफी शुभ माना जाता है और इस शुभ योग के बनने से वृषभ, मेष, तुला, धनु और कुंभ राशि के जातकों को विशेष लाभ मिलता है.
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