नई दिल्ली। महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सस्पेंस खत्म हो गया है। शिवसेना, एनसीपी (अजित पवार गुट) और बीजेपी के बीच मंत्रालय के बंटवारें पर सहमति बन गई है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार को वित्त और योजना विभाग सौंपा गया है। वहीं छगन भुजबल को खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग दिया गया है जबकि जबकि धनंजय मुंडे को कृषि मंत्रालय मिला है। पहले कृषि मंत्रालय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास था।
स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए हसन मुशरिफ
अजित गुट की ओर से मंत्री बनाई गईं अदिति तटकरे को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मिला है। वहीं हसन मुशरिफ को स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग सौंपा गया है। दिलीप वालसे पाटिल को सहिकारिता विभाग मिला है। संजय बनसोडे को खेल और युवा कल्याण विभाग मिला है। अनिल भाईदास को पुनर्वास और आपदा प्रबंधन विभाग मिला है।
मंत्रालय का बंटवारा होने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास सामान्य प्रशासन, नगर विकास, माहिती तंत्रज्ञान, परिवहन समेत आठ मंत्रालय रहेंगे। राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास गृह, विधि एवं न्याय, जलसंपदा व लाभक्षेत्र विकास, उर्जा और राजशिष्टाचार मंत्रालय रहेंगे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार के पास वन, सांस्कृतिक कार्य और मत्स्व्यवासाय विभाग है।
वित्त मंत्रालय और सहकारिता की मांग कर रहा था अजित गुट
अजित पवार गुट वित्त मंत्रालय के अलावा सहकारिता मंत्रालय की पहले से ही मांग कर रहा था। ये मंत्रालय एनसीपी के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई एनसीपी नेता सहकारी और चीनी मिलें चलाते हैं। इसके अलावा एनसीपी नेताओं का सहकारी बैंकों पर भी नियंत्रण है, जिसे भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। एनसीपी नेताओं का मानना है कि उन्हें मंत्रालय मिलने से उनकी समस्याओं का समाधान हो सकेगा।
उद्धव सरकार के दौरान वित्त मंत्रालय अजित पवार के पास था और तब शिंदे और उनके नेताओं ने आरोप लगाया कि फंड का वितरण सही तरीके से नहीं हो रहा है। शिंदे गुट ने आरोप लगाया था कि शिवसेना के निर्वाचन क्षेत्र में एनसीपी के नेताओं को वह अधिक फंड दे रहे थे और ऐसा करके वे शिवसेना को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे।
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