भोपाल। मध्य प्रदेश में डिस्ट्रिक रेसीडेंसी प्रोग्राम को एक अप्रैल से लागू कर दिया गया है। इसके तहत प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज के हर पीजी डॉक्टर को तीन-तीन महीने जिला अस्पताल में ड्यूटी करना अनिवार्य है। इसके बाद ही उनको डिग्री मिलेगी। एक अप्रैल को प्रथम बैच 320 पीजी डॉक्टरों ने अलग-अलग अस्पतालों में उपस्थति भी दर्ज करा दी है।
केंद्र सरकार के डिस्ट्रिक रेसीडेंसी प्रोग्राम के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2022-23 में वित्तीय स्वीकृति प्रदान की की गई थी। प्रदेश में संचालित 20 सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमडी/एमएस में अध्यनरत एवं वर्ष 2021 मे प्रवेश प्राप्त करने वाले करीब 1284 पीजी डॉक्टरों की चिकित्सा शिक्षा विभाग की तरफ से उपलब्ध कराई सूची के अनुसार ड्यूटी लगाई गई है। इसमें तृतीय/चतुर्थ सेमेस्टर के पीजी डॉक्टर को चरणबद्ध अनुसार तीन-तीन महीने के लिए ग्रामीण जिला चिकित्सालयों में भेजा जाएगा। इसमें 22 स्पेशेलिस्ट विषयों के डॉक्टर जिला अस्पतालों में मरीजों का इलाज करेंगे।
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