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शहर से 20 किलोमीटर दूर नेमावर रोड पर मालिखेड़ी में नया क्लस्टर बनाने की तैयारी में जिला उद्योग व्यापार केंद्र

November 26, 2021

 

विज्ञापन के जरिये उधोग लगाने वालो को बुलाया
इंदौर, प्रदीप मिश्रा ।
जिला उद्योग व्यापार केंद्र (District Industries Trade Center) ने फर्नीचर क्लस्टर (Furniture Cluster), खिलौना क्लस्टर, प्लास्टिक क्लस्टर की तर्ज पर एक बार फिर शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर नया क्लस्टर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। क्लस्टर (Cluster) बनाने के पहले जिला उद्योग व्यापार केंद्र ने विज्ञापन के जरिये उद्योग लगाने वालों से आवेदन मंगाए हैं, जिसकी अंतिम तारीख 30 नवम्बर तय की गई है।
जिस 12 हेक्टयर जमीन पर नया क्लस्टर (New Cluster) बनाने की तैयारी चल रही है यह नेमावर रोड (Nemawar Road) पर दूधिया गांव के पास मालीखेड़ी गांव में है। यह जमीन जिला उद्योग व्यापार केंद्र विभाग (District Industries Trade Center Department) की ही है । यहां पर पास ही में पहाड़ी भी है, जिसके कारण यहां पर पहले अवैध उत्खनन (Illegal Quarrying)  होता रहा है। इस वजह से इस जमीन पर खदानों के बड़े-बड़े गहरे गड्ढे मौजूद हैं। इन खदानों के गड्ढे भर कर जमीन को समतल बनाने के लिए जिला उद्योग व्यापार केंद्र या यहां पर जमीन लेने वालों को विकास कार्यों की भारी कीमत चुकाना पड़ेगी ।


क्लस्टर बनाने की प्लानिंग से सब हैरान
इस जमीन पर क्लस्टर (Cluster)  बनाने की तैयारियों से महाप्रबन्धक को छोड़ कर ज्यादातर अधिकारी-कर्मचारी इस बात से हैरान हैं कि खदानों वाले गड्डों की जमीन पर आखिर क्लस्टर कैसे बनेगा। जानकारों का कहना है कि क्लस्टर बनाने के पहले जिला उद्योग व्यापार केंद्र (District Industries Trade Center)को पहले खदानों के गड्ढे भरने होंगे, जिसमें लाखों रुपए की लागत आएगी या फिर जिला उद्योग व्यापार केंद्र से जो व्यापारी या उद्योगपति यह जमीन खरीदेगा, उसे इन गड्डो में भराव कराना पड़ेगा। यानी उद्योग डालने के पहले उसे लाखों रुपये खर्च करना पड़ेगा, तब कहीं जाकर इस जमीन पर उद्योग लगाने का काम शुरू हो सकेगा। क्लस्टर बनाने की योजना सूक्ष्म लघु मध्यम उद्योग मन्त्रालय की है, जो छोटे व मध्यम उद्योग लगाने वालों को प्रोत्साहित करता है। मगर इस जमीन पर उद्योग लगाने से पहले इन्हें लाखों रुपये तो जमीन के लिए खर्च करना पड़ेंगे, इन सब मुद्दों को दरकिनार कर जिला उद्योग व्यापार केंद्र (District Industries Trade Center) ने विज्ञापन के जरिये उद्योगपतियों को आमंत्रित करना शरू कर दिया है। वह 30 नबम्बर तक वेब साइट पर ऑन लाइन आवेदन कर सकते हैं।


शहर में नए उद्योगों के लिए 1 इंच जमीन नहीं
जिला उद्योग व्यापार केंद्र (District Industries Trade Center) के महाप्रबंधक अजय सिंह चौहान का मानना है कि सालों से इंदौर शहर में नए उद्योग लगाने के लिए एक इंच भी जमीन नहीं है, इसलिए शहर से महज 20 किलोमीटर दूर इस जमीन पर क्लस्टर बनाना विभाग के लिए मुनाफे वाला प्रोजेक्ट साबित होगा । इसके अलावा महाप्रबन्धक की एक औऱ सोच काम कर रही है। दरअसल महाप्रबन्धक की कुछ महीनों बाद सेवानिवृत होने वाले हैं। वह चाहते हैं कि वह अपने कार्यकाल में ऐसा कोई स्थायी काम कर जाए, जिसके जरिये लोग उन्हें याद रखे ।


नया क्लस्टर बनाएं मगर गलतियां न दोहराएं
नया क्लस्टर (New Cluster)  बनाने के पहले जिला उद्योग व्यापार केंद्र (District Industries Trade Center) महाप्रबन्धक को ध्यान रखना होगा कि फर्नीचर क्लस्टर, खिलौना क्लस्टर, के मामले में जो गलतियां कर चुका है, वही गलती फिर न दोहराई जाए । बेटमा के पास बनने वाला क्लस्टर का काम इसलिए अटका पड़ा है, क्योंकि जिला उद्योग व्यापार केंद्र ने वन विभाग की बिना अनापत्ति के उसकी जमीन को फर्नीचर क्लस्टर की जमीन बता दिया। जब इस मामले को मीडिया ने उठाया तो, वन विभाग ने फर्नीचर क्लस्टर में शामिल तीन खसरों के नम्बर वाली जमीन को अपनी जमीन बताते हुए आपत्ति जता दी। इसके बाद से फर्नीचर क्लस्टर बनाने के लिए जिला उद्योग व्यापार केंद्र वन विभाग से अनापत्ति लेने में जुटा हुआ है। मगर अभी तक उसे एनओसी नहीं मिली है। इसी तरह खिलौना क्लस्टर बनाने वाला मामला आपत्तियों के चलते कोर्ट-कचहरी में उलझ चुका है।

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