- वार्ड इंचार्ज की लापरवाही से गई रुबीना की जान:आसिफ जरदारी
- महिला चिकित्सक ने प्रसूता को किया पहले जबलपुर रेफर, फिर अवैध निजि अस्पताल में ही करा दिया प्रसव!
- पीडिता ने सीएम हेल्प लाईन में की शिकायत!
सिवनी। पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी के नाम से सुशोभित जिला चिकित्सालय में आए दिन तरह तरह के बखेडे प्रकाश में आते रहते हैं। कभी अचानक ही लाईट गोल हो जाती है तो कभी एक्सरे मशीन खराब हो जाती है। लोगों का आरोप है कि बिना चडोत्री यहां इलाज करना टेडी खीर ही साबित होता है। हाल ही में एक नया मामला प्रकाश में आया है जो चिकित्सकों की अर्थलिप्सा को रेखांकित करने के लिए पर्याप्त माना जा सकता है।जिला चिकित्सालय में सबसे ज्यादा गफलत प्रसूति विभाग में है। इस विभाग में बिना चडोत्री के कोई काम नहीं होता है। कहा तो यहां तक जाता है कि सीजर के लिए हर स्तर पर प्रसूता के परिजनों को अपनी जेब ढीली करना पडता है। जिला चिकित्सालय में एक ग्रामीण महिला का इलाज कराने पहुंचे सरपंच आसिफ जरदारी ने बताया की सिवनी में डिलीवरी वार्ड मैं भारी अनियमितताएं है जिसके चलते बोरदई निवासी रुबीना की जान चली गई ग्रामीण महिला रुबीना जो की बोर्दई पंचायत की निवासी थी जिसे 22 तारीख को दिन के 4:00 बजे भर्ती कराया गया 23 तारीख को रात 9:00 बजे लापरवाही की वजह से इंतकाल हो गया हुआ सरपंच आसिफ ने आगे बताया की वार्ड के इंचार्ज आर के कुशराम की लापरवाही से तीन छोटे बच्चों की मा नहीं रही जिसकी शिकायत वे उच्च अधिकारियों से करेंगे।
वही सूत्रों और न्यूज एजेंसी की माने तो हाल ही में एक और मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में प्रसूता के परिजन के द्वारा सीएम हेल्प लाईन में इसकी शिकायत भी दर्ज कराई गई है। इस शिकायत में प्रसूता के परिजन ने बताया कि एक प्रसूता को जिला चिकित्सालय सिवनी में प्रसव हेतु 04 अगस्त को भर्ती कराया गया था।सूत्रों ने आगे बताया कि प्रसूता के परिजन के द्वारा की गई शिकायत में कहा गया है कि प्रसूति विभाग में भर्ती प्रसूता की रक्त आदि की जांच के लिए चिकित्सकों के द्वारा उसे एक निजि पैथलॉजी लैब (संभवत: वह लैब अवैध ही मानी जा सकती है क्योंकि सालों से पैथलॉजी लेब्स की जांच भी सीएमएचओ के द्वारा नहीं की गई है) से कराकर लाने को कहा गया।सूत्रों की मानें तो अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि जब प्रसूता के परिजन के द्वारा निजि पैथलॉजी लैब से जांच कराई जाकर उसकी रिपोर्ट जिला चिकित्सालय में पदस्थ महिला चिकित्सक डॉ. ज्योति झारिया को सौंपी तो रिपोर्ट देखकर यह कहा गया कि प्रसूता का पीलिया बड गया है इसलिए उसका सीजर (आपरेशन) नहीं हो पाएगा। यह कहते हुए प्रसूता को जबलपुर रेफर कर दिया गया।
सूत्रों ने एजेंसी को बताया कि यहां तक तो सब कुछ सामान्य ही माना जा सकता है। असली कहानी तो इसके बाद आरंभ होती है। सूत्रों ने कहा कि प्रसूता के परिजन ने यह भी आरोप लगाया है कि उक्त महिला चिकित्सक के द्वारा प्रसूता के परिजनों को यह भी कहा कि वे चाहें तो प्रसूता को शहर के ही एक निजि नर्सिंग होम में भर्ती करवा दें जहां जाकर वे स्वयं उसका प्रसव करवा देंगी।सूत्रों की मानें तो शहर में कितने नर्सिंग होम या चिकित्सक वैध हैं इस बारे में शायद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को भी शायद ही पता हो। बहरहाल, प्रसूता के परिजनों के द्वारा प्रसूता को एक निजि नर्सिंग होम में भर्ती करवा दिया गया, जहां जिला चिकित्सालय में पदस्थ उक्त महिला चिकित्सक डॉ. ज्योति झारिया के द्वारा ही प्रसूता का सीजर (आपरेशन) कर दिया गया।सूत्रों ने बताया कि अपनी शिकायत में प्रसूता के परिजन ने यह भी आरोप लगाया है कि अपने निजि स्वार्थ के लिए महिला चिकित्सक के द्वारा पहले निजि पैथलॉजी लैब से अनावश्यक जांच करवाई गईं, जबकि जिला चिकित्सालय में जांच को आऊट सोर्स किया जा चुका है एवं ये सारी जांच जिला चिकित्सालय में निशुल्क होती हैं, के अलावा निजि स्वार्थ के लिए प्रसूता को जिला चिकित्सालय से जबलपुर रेफर किया जाकर उसका प्रसव स्वयं के द्वारा ही सिवनी के ही एक निजि अस्पताल में करवा दिया गया।सूत्रों ने यह भी कहा कि लगभग 15 दिन पूर्व सीएम हेल्प लाईन में की गई इस गंभीर प्रकृति की शिकायत पर इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय प्रशासन के द्वारा बिना जांच समिति बनाए, या जांच करवाए बिना, पीडित शिकायतकर्ता के बयान लिए बिना ही एक शिकायत को अन्य शिकायतों की तरह फोर्स क्लोजर कराने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।वहीं, जिला चिकित्सालय में चल रही चर्चाओं पर अगर यकीन किया जाए तो इस शिकायत को बंद कराने के एवज में शिकायतकर्ता को भारी भरकम प्रलोभन भी दिया गया है।
जिला चिकित्सालय का यह आलम तब है जबकि जिले के जिलाधिकारी डॉ. राहुल हरिदास फटिंग एवं बालाघाट के सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन जिनके संसदीय क्षेत्र में यह अस्पताल आता है दोनों ही चिकित्सक हैं। इस मामले में एक उच्च स्तरीय जांच दल का गठन किया जाकर इस तरह के गंभीर आरोपों वाली सीएम हेल्प लाईन की शिकायत की जांच समय सीमा में कराए जाने के लिए जिलाधिकारी डॉ. राहुल हरिदास फटिंग, पीएम सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन एवं सिवनी के विधायक दिनेश राय को जल्द ही कठोर कदम उठाए जाने चाहिए।