जयपुर। घर-घर औषधि योजना के तहत पौध(Plants) वितरण (Distribution) की प्रभावशाली रूपरेखा तय करने के लिए शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अरण्य भवन में बैठक हुई। इस दौरान वन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने योजना के तहत अब तक की गई तैयारियों की समीक्षा की एवं राजस्थान (Rajasthan) के मुख्य सचिव द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी में दिए गए निर्देशों के क्रियान्वयन की रूपरेखा स्पष्ट करते हुए मुख्य वन संरक्षकों और उप वन संरक्षकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
प्रमुख शासन सचिव ने बैठक में कहा कि गांव और शहरी क्षेत्रों में पौध वितरण के लिए प्रभावशाली व्यवस्था बनाई जाए। वितरण कार्य से जुड़ने वाले कर्मचारियों की जानकारी भी निर्धारित प्रपत्र में संधारित की जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी आठ औषधीय पौधों को किट के रूप में दिया जा सकता है। इससे सभी चारों प्रजाति की औषधि पौधे हर घर तक पहुंच सकेंगे।
गुहा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा घर-घर औषधि योजना के क्रियान्वयन को गंभीरतापूर्वक लिया जा रहा है। इसी क्रम में मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में 25 जून को राज्य स्तरीय प्रबोधन समिति की बैठक हुई। 29 जून को मुख्य सचिव द्वारा सभी जिला कलक्टर्स की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रस्तावित है। इसमें घर-घर औषधि योजना के तहत पौध वितरण के एक्शन प्लान सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसलिए उप वन संरक्षक संबंधित जिला कलेक्टर्स से मिलकर समय रहते अपने-अपने जिले का एक्शन प्लान तैयार कर लें। इस दौरान पौध वितरण के लिए परिवहन के मुद्दे पर गुहा ने स्पष्ट किया कि मुख्य सचिव ने निर्देशित किया है कि इस संबंध में जिला कलेक्टर द्वारा उक्त व्यवस्था की जाएगी।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन-बल प्रमुख) श्रुति शर्मा ने भी मुख्य सचिव की बैठक से पूर्व एक्शन प्लान और योजना से जुड़ी तैयारियों को पूरे करने के निर्देश देते हुए कहा कि योजना के सफल क्रियान्वयन में सभी का सहयोग आवश्यक है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) डॉ. दीप नारायण पाण्डेय ने बैठक में कहा कि नर्सरी में औषधीय पौधे उगाने से लेकर उनके वितरण और घरों में उन पौधों के उगाने के बाद सार-संभाल तक की व्यवस्था को प्रभावशाली बनाया जा रहा है। इसके लिए सभी मुख्य वन संरक्षकों को अपने अधीनस्थ जिलों से नर्सरी में तैयार औषधीय पौधों की सूचना पोर्टल पर उपलब्ध करवाने के लिए निर्देशित किया गया है। डॉ. पाण्डेय ने आंकड़ों की शुद्धता और पौध वितरण की प्रक्रिया को आसान बनाने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि योजना में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को वन विभाग की ओर से पुरस्कृत भी किया जाना प्रस्तावित है।
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